मेरठ। साइबर अपराधियों ने अस्पताल के कर्मचारी को न्यूड वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की। आरोपी ने अस्पताल के कर्मचारी को न्यूड वीडियो वायरल करने और खुद को यूट्यूब का अधिकारी बताकर धमकी दी। इसके बाद दूसरे नंबर से फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए जेल भेजने की धमकी दी। बदनामी और जेल जाने के डर से पीड़ित कर्मचारी ने खाते में 21,500 रुपये डाल दिए। इसके बाद बड़ी रकम मांगी जाने लगी। पीड़ित ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत की है। बागपत रोड स्थित महावीर जी नगर निवासी युवक प्रद्युमन जैन आंखों के अस्पताल में नौकरी करते हैं।
एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि गत 9 अक्तूबर को रात 12 बजे उनके व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से कॉल आई। किसी परिचित की वीडियो कॉल समझकर उन्होंने उठा ली। अचानक सामने स्क्रीन पर दिखाई दे रही युवती ने अपने कपड़े उतार दिए। वह कुछ समझ नहीं पाए।
इसके बाद युवती ने 20 सेकंड में कॉल को काट दिया। अगले दिन सुबह 10 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आया। जिसमें कॉलर ने खुद को यूट्यूब के दिल्ली ऑफिस से बताते हुए कहा कि उनकी एक अश्लील वीडियो यूट्यूब पर अपलोड है। 65 प्रतिशत अपलोड हो चुकी है। बदनामी से बचना है तो रोकने के लिए 21,500 रुपये फीस के रूप में देना होंगे। 500 रुपये काटकर बाकी रकम वापस कर दिए जाएंगे।
उन्होंने किसी से रुपये उधार लेकर बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके कुछ देर बाद एक बार फिर से दूसरे नंबर से कॉल आई। इस बार कॉलर ने सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि तुम्हारी अश्लील वीडियो वायरल हो गई है। इस मामले में तुम्हें जेल भेजने की तैयारी है। मामला ऑनलाइन निपटाना है और वीडियो सोशल मीडिया से हटवानी है तो इसके लिए 41,500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने होंगे।
उन्होंने कहा कि उनके पास इतने रुपये नहीं हैं। इंतजाम करके ट्रांसफर करेंगे। इसके बाद उनके पास कई कॉल आई और रुपये न देने पर वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी देते रहे। प्रद्युमन समझ गए कि वह साइबर ठगों के चंगुल में फंसे हैं। उन्होंने रुपये ट्रांसफर करने से मना कर दिया और 21,500 रुपये मांगे। आरोपियों ने न तो रुपये वापस किए और न वीडियो उन्हें मिला। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।