शामली। देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ प्राईवेंट बस चालकों, ट्रांस्पोर्टरों व ट्रक चालकों का दूसरे दिन भी हडताल कर आन्दोलन जारी रहा। अधिकारियों के दबाव में 50 फीसदी रोडवेज की बसे तो संचालित की गई, लेकिन प्राईवेट बस चालकों की पूरी तरह से हडताल रही, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पडा।
भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान होने से बस और ट्रक चालकों में रोष बना हुआ है। मंगलवार को दूसरे दिन भी अधिकारियों के दबाव के चलते रोडवेज की 50 फीसदी बसों का संचालन सवेरे से ही शुरू कर दिया गया था। जिसमें दिल्ली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर रूटों के लिए बसों को रवाना किया गया। जिससे यात्रियों को राहत मिल सकी, लेकिन बस चालकों के रोष के चलते बसे अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चली।
वही 44 में से 22 बसों के ड्राईवरों के विरोध और न पहुंचने से बसों का संचालन नही किया जा सका। जिस कारण यात्री बस स्टेंड पर खडे बसों के चलने की प्रतीक्षा करते रहे। वही प्राईवेट बस स्टेंड पर पूरी तरह से बसों का संचालन बंद कर हडताल की गई। यहां बस चालकों ने किसी भी बस को नही चलने दिया और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पडा।
शामली से दिल्ली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, पानीपत, करनाल आदि नगरों के लिए सीधी बसों का संचालन किया जाता है, लेकिन चालकों की चक्का जाम हड़ताल के कारण यात्री बेबस नजर आए।
पड़ौसी राज्य हरियाणा रोडवेज के बस चालक भी चक्का जाम हड़ताल में शामिल रहे, जिसके कारण पानीपत सहित हरियाणा के किसी भी डिपो की बस का संचालन नहीं हो सका। शहर के प्राईवेट बस स्टेंड पर 80 बसे खडी रही, जिससे दो दिनों में करीब 30 लाख रूपये का व्यापारी प्रभावित हुआ है।