नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर व बीटा-2 थाना क्षेत्र मे स्थित सोसाइटी में करीब 4 वर्ष तक चली मादक पदार्थ (एमडीएमए ड्रग्स) बनाने वाली फैक्टरी का पर्दाफाश बीटा टू पुलिस ने कुछ माह पहले किया था। उस समय फैक्टरी और सप्लाई का रैकेट पुलिस के संरक्षण में चलने की बात कही गई थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद जब पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इसकी जांच करवाई तो करीब दस पुलिसकर्मियों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर इसमें संलिप्तता पाई गई। इसमें थाना प्रभारी से लेकर चौकी व बीट पर तैनात रहे पुलिसकर्मी शामिल हैं। कई प्रभारियों की भी इसमें संलिप्तता बताई जा रही है। जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंप दी गई है। पुलिस कमिश्नर ने जल्द ही इन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
आपको बता दें कि बीटा दो थाना क्षेत्र में 31 मई को मित्रा सोसायटी में यह फैक्ट्री पकड़ी गई थी। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि जांच में जिन पुलिसकर्मियों के नाम आए हैं उन पर कार्रवाई होगी। जांच के दायरे में आए पुलिसकर्मियों की संख्या दस से अधिक भी हो सकती है। जांच कर रहे अधिकारी का दावा है कि इसकी जांच अगस्त में ही पूरी हो गई थी। दस के करीब पुलिसकर्मी इसमें शामिल हैं। जांच रिपोर्ट में 2019 में यह फैक्ट्री स्थापित होने से लेकर 2023 में पकड़े जाने के दौरान थाना, चौकी व बीट प्रभारी अधिकारियों के नाम हैं। जिनकी भूमिका को लेकर अभी जांच जारी है।
इस मामले में पुलिस ने ड्रग्स फैक्टरी से लगभग 300 करोड़ रुपये की एमडीएमए बरामद की थी। मामले में अफ्रीका मूल के साइमन, केसिएना रिमी और इग्वे साइमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। स्वाट टीम, बीटा-2 व कासना थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने यह फैक्ट्री पकड़ी थी। पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन में शामिल एक आरोपी चिडी इजीअग्वा को रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ में मित्रा सोसाइटी में अन्य आरोपियों के ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन की जानकारी मिली। पुलिस आरोपी को लेकर सोसाइटी पहुंची और दबिश देकर 3 नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर लगभग 150 करोड रुपए कीमत के ड्रग्स और कच्चा माल बरामद किया था।
लंबे समय तक शहर में ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन को लेकर पुलिस पर उंगली उठी। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने इसकी जांच का आदेश दिया। पुलिस कमिश्नर ने जांच का जिम्मा नोएडा पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी शक्ति मोहन अवस्थी को सौपी। प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि ड्रग्स की आपूर्ति देश के बाहर भी की जाती थी। आरोपी कच्चा माल और केमिकल कहां से लाते थे इसकी भी जांच की गई है।