अयोध्या। पिताजी तो अब नहीं है, लेकिन वह कहा करते थे कि जय श्रीराम कहने पर पुलिस बहुत पिटती है। लेकिन आज हम देखकर बेहद खुश हैं कि सबकुछ बदल गया है। मुख्यमंत्री से लेकर पुलिसकर्मी भी जय श्रीराम बोल रहे हैं। इसलिए हम भी खूब जोर-जोर से अपने प्रभु का जयकारा लगा रहे हैं। हमने दीपावली का पूजन धनतेरस को ही कर लिया और अयोध्या की ट्रेन पकड़ ली।
राजस्थान के जयपुर से आए सिद्धार्थ सेठिया कहते हैं कि हम अपनी खुशी आपको बता पाने में असमर्थ हैं। मेरे पिता जी कारसेवा में आए थे। जयपुर के आदर्श नगर के रहने वाले सिद्धार्थ सेठिया पेशे से कास्मेटिक व्यवसाई हैं। वह अपनी पत्नी स्वेता सेठिया और मित्र दिव्यांशु बुच्छा के साथ राम की पैड़ी पर ही मंच के बगल में बैठे हैं। जोर–जोर से तीनों जय श्री राम बोलने लगते हैं। वातावरण में जैसे ही जय श्रीराम का उद्घोष सुनाई पड़ता है, वे अपनी कुर्सियों पर खड़े होकर राम नाम उद्घोष करते हैं। वे अकेले नहीं हैं, उनका साथ देने के लिए आसपास हजारों लोग हैं। यहां तक कि पुलिस कर्मी भी जय श्री राम बोलते हैं, और दिए जलाने के प्रयास में दिखते हैं।
गुजरात के मेहसाना से आए अम्बरीष भाई पटेल पूछते हैं- आप पत्रकार हैं क्या? भावुक होकर बताते हैं कि लिख दीजिए अब हम काशी, मथुरा भी लेकर रहेंगे। अम्बरीष भाई पटेल का अपना शॉपिंग मॉल है। उनके साथ उनके कई साथी अयोध्या का दीपोत्सव देखने आए हैं। कहते हैं लंबा संघर्ष मेरे भाई, पिता और अनेक परिवार के लोगों ने देखा है। मंदिर बनते ही दुबारा फिर से आयेंगे।
अयोध्या दीपोत्सव कार्यक्रम में अयोध्या की जनता तो उल्लास में दिखी ही, बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी मौजूद रहे। यहां तक कि दूर–दूर से अन्य राज्यों से आए लोग जो दीपावली पूजन पहले ही करके अयोध्या आ गए। झारखंड से आए राजकिशोर तिवारी कहते हैं ‘जब अयोध्या आ गए तो यही दीवाली यही होली है। इससे अच्छी दीवाली और क्या होगी। हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि ने जब इसी विषय पर लोगों को टटोलना शुरू किया तो पता चला राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्यप्रदेश, बिहार और आंध्रप्रदेश के अनेक राम भक्त मिले जो राष्ट्रभक्ति और राम भक्ति के ज्वार और उल्लास में डूबे जय श्रीराम के उद्घोष से वातावरण को राममय किए हैं। बातचीत में सब एक ही बात कहते हैं। एक वह समय था जब जय श्रीराम कहने पर मारा जाता था, गिरफ्तार कर लिया जाता था। एक यह समय है। राम जी की महिमा वही जाने।