Friday, January 31, 2025

यमुना नदी में जहर मिलाने के आरोपों पर चुनाव आयोग ने केजरीवाल से मांगा स्पष्टीकरण

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपने उस आरोप को साबित करने का मौका दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि यमुना नदी का पानी जानबूझकर जहर से मिलाया गया था। गुरुवार को जारी किए गए बयान में आयोग ने केजरीवाल से आरोपों का स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। आयोग ने उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि कौन सा पदार्थ, कितनी मात्रा में और किस प्रकार से पानी में मिलाया गया था, साथ ही यह भी पूछा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों का इस जहरीले पानी की पहचान में क्या योगदान था।

 

मुज़फ्फरनगर में कहासुनी के कारण हुई थी विशाल देशवाल की हत्या, आरोपी योगीराज त्यागी को पुलिस ने मारी गोली

 

आयोग ने शुक्रवार सुबह 11 बजे तक का वक्त अरविंद केजरीवाल को अपना स्पष्टीकरण पेश करने के लिए दिया है। ईसीआई का यह जवाब केजरीवाल के आरोप लगाने के बाद आया है। अपने आरोप में केजरीवाल ने कहा था कि यमुना के पानी में अमोनिया के स्तर को एक सुनियोजित तरीके से बढ़ा कर लोगों को जहर देने की तैयारी हो रही है। निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से यह भी अनुरोध किया है कि वे अमोनिया संदूषण और जहर देने के आरोपों के बीच अंतर को स्पष्ट करें और दोनों मुद्दों को एक साथ जोड़ने से बचें।

 

महाकुंभ में भगदड़ पर न्यायिक आयोग गठित, मुजफ्फरनगर के पूर्व जिलाधिकारी भी शामिल

 

इसके अलावा, आयोग ने केजरीवाल को भड़काऊ बयान देने से भी सावधान किया है, जिससे सार्वजनिक अशांति या समुदायों के बीच विवाद पैदा हो सकता है। ईसीआई ने यह भी कहा कि पानी की उपलब्धता और स्वच्छता शासन की अहम जिम्मेदारी है, और सभी सरकारें सुरक्षित पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं। अपने पत्र में चुनाव आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर घोला था, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

 

मुज़फ्फरनगर में स्पा सेंटर पर पुलिस ने मारा छापा, मसाज करा रहा युवक उठकर भागा, 4 युवतियां गिरफ्तार

 

आयोग ने आपको 29 जनवरी 2025 तक इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पक्ष के साथ प्रमाण देने का समय दिया था। आयोग ने 29 जनवरी 2025 को आपके जवाब के रूप में एक पत्र प्राप्त किया, जिसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी। आगे लिखा गया, “आयोग के द्वारा किए गए परीक्षण के बाद यह पाया गया कि आपका जवाब उस बयान के बारे में चुप था, जो आपने प्रचार के दौरान दिया था, जिसमें आपने यमुना नदी में जहर घोलने की घटना को “युद्ध जैसा कृत्य” और “दिल्ली में नरसंहार करने की साजिश” बताया था। इसके अलावा, आपने यह दावा किया था कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय रहते जहर के पानी का पता लगा लिया था और उसे दिल्ली की सीमा पर रोक लिया गया था।

 

 

 

लेकिन, इस बयान का समर्थन करने के लिए कोई तथ्यों या कानूनी समर्थन के प्रमाण नहीं दिए गए हैं। आपने अपने बयान को स्पष्ट करने की बजाय, यमुना नदी में उच्च अमोनिया स्तर को जहर घोलने का कारण बताने की कोशिश की।” आयोग के 28 जनवरी 2025 के पत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा 27 और 28 जनवरी 2025 को भेजे गए संयुक्त पत्रों में हरियाणा द्वारा यमुना में अमोनिया की मात्रा अचानक और तेजी से बढ़ाए जाने को जल आतंकवाद की साजिश बताया गया है, जिससे पानी को उपचारित करना असंभव हो गया था। यह मुद्दा अलग से हरियाणा सरकार से प्राप्त जानकारी के आधार पर निपटाया जा रहा है।

 

 

 

आयोग इस बात से सहमत है कि स्वच्छ जल की उपलब्धता शासन का एक अहम मुद्दा है, और सभी संबंधित सरकारों को समय-समय पर इस मुद्दे पर काम करना चाहिए ताकि सभी नागरिकों को सुरक्षित पानी मिल सके। आयोग इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सभी सरकारों और एजेंसियों की क्षमता और विवेक पर छोड़ता है, और चुनावी अवधि के दौरान जल साझा करने या जल प्रदूषण जैसे लंबे समय से चले आ रहे और कानूनी मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं रखता। चुनाव आयोग ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए जवाब को देखते हुए, आयोग ने पाया कि यमुना नदी में जहर घोलने के आपके आरोपों से विभिन्न समूहों के बीच आपसी दुश्मनी और सामाजिक अशांति बढ़ सकती है।

 

 

 

एक प्रमुख सार्वजनिक व्यक्ति और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में, आयोग आपको यह याद दिलाना चाहता है कि ऐसे बयानों और क्रियाओं के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो दो राज्यों के नागरिकों के बीच स्थायी घाव छोड़ सकते हैं। आयोग ने अरविंद केजरीवाल से यह भी स्पष्टीकरण मांगा है कि हरियाणा राज्य सरकार ने यमुना नदी में किस प्रकार का जहर मिलाया था। जहर की मात्रा, प्रकृति और इसे पहचानने के लिए क्या प्रमाण उपलब्ध हैं। वह स्थान जहाँ जहर का पता चला था। दिल्ली जल बोर्ड के कौन से इंजीनियरों ने इसे कैसे तथा कहां पहचाना।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
142,970SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय