मेरठ। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में भी अब जल्द ही एथेनॉल डिस्टलरी प्लांट की स्थापना हो जाएगी। मिल में 60 किलो प्रतिदिन एथेनॉल तैयार किया जाएगा। परियोजना की स्थापना के प्रस्ताव को मंत्री परिषद की ओर से अनुमति मिल गई है। प्लांट शुरू होने से मिल को लाभ होने के साथ ही इससे जुड़े 26 हजार किसानों को भी लाभ पहुंचेगा। इनके लिए गन्ना भुगतान की स्थिति में सुधार होगा।
जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार ने बताया कि मोहिउद्दीनपुर मिल में शीरे पर आधारित आसवानी एथेनॉल डिस्टलरी प्लांट लगाने की अनुमति मंत्री परिषद की ओर से दी गई है। यह मिल अब तक 45 प्रतिशत गन्ना मूल्य बकाया भुगतान कर पाई है। प्लांट के लगने से मिल की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और समय से भुगतान में सहयोग मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यह प्लांट शुरू होने से करीब 7 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की आय बढ़ेगी। इसके साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचेगा। एथेनॉल जैव आधारित एवं इको फ्रेंडली ईंधन है। इसके प्रयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड का कम उत्सर्जन होगा। प्रदूषण बढ़ाने वाले पेट्रोलियम पर भी निर्भरता कम होगी।
बता दें इससे पहले मेरठ में सकौती, नंगलामल, किनौनी, मवाना और दौराला मिल शामिल हैं। अभी तक इनमें से नंगलामल, किनौनी और दौराला मिल एथेनॉल बना रहे हैं। जिले में एथेनॉल बनाने वाली मोहिउद्दीनपुर मिल चौथे नंबर की होगी।