चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले ही अंदरूनी संघर्ष शुरू हो गया है। कांग्रेस के प्रत्याशी अभी तक तय नहीं हुए हैं, न ही किसी ने नामांकन भरा है, और चुनाव भी अभी दूर हैं। इसके बावजूद, मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार सामने आ गए हैं, जो पार्टी के अंदर तनाव और संघर्ष को दर्शाता है। इस स्थिति को “सूत न कपास, जुलाहे संग लट्ठम-लट्ठा” की कहावत के माध्यम से व्यक्त किया गया है, जिसका मतलब है कि किसी काम के लिए आवश्यक तैयारी पूरी किए बिना ही आपस में झगड़ा करना।
सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने हाल ही में मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी का संकेत देते हुए कहा है कि वह हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। सैलजा का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उनके इस कदम को उनके मुखर होने के रूप में देखा जा रहा है।