Thursday, January 16, 2025

चाहे दंड भुगतना पड़े कौम की बात उठाता रहूंगा, बोले संजीव बालियान, जाटों ने बनाई जाट-मराठा आरक्षण संयुक्त संघर्ष समिति

नई दिल्ली।। केंद्र में जाटों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर देशभर की अखिल भारतीय जाट महासभा के बैनर तले जाट सरदारी ने सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुंकार भरी। मंच से एक स्वर में केंद्र सरकार को आरक्षण को लेकर किया वादा निभाने की याद दिलाई गई।

महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने घोषणा की कि यदि केंद्र सरकार आरक्षण का वादा पूरा नहीं करेगी तो जाट बिरादरी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी और चुनाव में वादाखिलाफी का हिसाब-किताब बराबर करने से भी नहीं चूकेगी।

मंच पर मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बिरादरी का साथ निभाने और उनकी मांग को उठाने का आश्वासन दिया। मंच से मराठा के साथ जाट आरक्षण के आंदोलन को संयुक्त रूप से चलाने की घोषणा भी की गई और जाट-मराठा आरक्षण संयुक्त संघर्ष समिति का ऐलान मंच से किया गया।
केंद्र में जाटों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आयोजित इस महाधिवेशन में करीब एक दर्जन राज्यों के अखिल भारतीय जाट महासभा के अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने मंच की अध्यक्षता की। वहीं मंच को पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह, हरियाणा सरकार के बिजली मंत्री रणजीत सिंह, दिल्ली के पूर्व मंत्री योगानंद शास्त्री, विधायक धर्मवीर सिंह सोलंकी ने भी संबोधित किया।

केंद्र सरकार वादा पूरा करे वरना आक्रोश झेलने को तैयार रहे
जाट सरदारी को संबोधित करते हुए महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि जाट भोली-भाली कौम है लेकिन अपने हक लेना जानती है। इसी बिरादरी ने राजस्थान में आरक्षण की मांग मनवाई। दिल्ली और यूपी में आरक्षण लिया। केंद्र में भी आरक्षण का वादा कांग्रेस ने किया लेकिन किसी वजह से वह पूरा नहीं कर पाई इसके बाद आई भाजपा की सरकार ने केंद्र में आरक्षण देने का वादा किया। इस कौम का वोट तो ले लिया लेकिन वादा अभी तक पूरा नहीं किया इसलिए हम उनका वादा याद दिलाने के लिए आज दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आरक्षण की पुरजोर वकालत केंद्र के समक्ष करने को कहा। उन्होंने जाट बिरादरी से शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक मोर्चे को मजबूत करने पर बल दिया।

कौम की आवाज उठाता रहूंगा
केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि बिरादरी के हकों की लड़ाई मजबूती से लड़ने के लिए बिरादरी को भी अपने जनप्रतिनिधियों को उतना ही सशक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि चाहे मुझे दंड की क्यों न भुगतना पड़े लेकिन कौम की आवाज उठाता रहूंगा।

जाट-मराठा लड़ाई साथ लड़ने का वक्त
अखिल भारतीय मराठा संघ के अध्यक्ष दिलिप जगताप ने आह्वान किया कि जिस तरह महाराष्ट्र में हम लंबे अरसे से हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी तरह से उत्तर भारत के जाट भी संघर्ष कर रहे हैं यदि हम इस लड़ाई को एक साथ लड़ेंगे तो राह और भी आसान होगी। केंद्र व राज्य सरकारों को झुकना होगा। उन्होंने मराठा आरक्षण के साथ जाट आरक्षण की साझा लड़ाई लड़ने का ऐलान किया और मंच से जाट-मराठा, भाई-भाई का नारा दिया।

मंच से राजस्थान के अध्यक्ष राजराम मील ने कहा कि जाट एकता की बदौलत ही राजस्थान में जाटों को राज्य व केंद्र में आरक्षण मिला। इसका नतीजा ये रहा कि हमारी स्थिति बाकी राज्यों से काफी बेहतर है, इसलिए अन्य राज्यों की लड़ाई भी मजबूती से लड़ी जाएगी।

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र में आरक्षण लिए मराठा आंदोलन से सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने आर्थिक आरक्षण की भी वकालत की। हरियाणा सरकार के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि जाट पार्टीवाद में उलझकर रह गए हैं, हकों की लड़ाई के लिए उन्हें एक मंच पर आना होगा। हरियाणा की जाट नेता सुरेंद्र कौर ने भी महिलाओं को इस लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाने और जनप्रतिनिधियों से पार्टी से हटकर संसद में एक सुर में बोलने की वकालत की।

महाधिवेशन को अखिल भारतीय जाट महासभा के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष मनमोहन चौधरी, बिहार अध्यक्ष शिव प्रताप, यूपी के अध्यक्ष प्रताप चौधरी, पंजाब अध्यक्ष हरपाल सिंह, हरियाणा अध्यक्ष राजेंद्र सुरा, मध्य प्रदेश अध्यक्ष बिलास भाई पटेल, गुजरात अध्यक्ष मोहर सिंह, कर्नाटक के भगवान सिंह समेत राष्ट्रीय सचिव धर्मवीर सिंह, संभाजी दाहटोंडे, नीलम चौधरी, रेणु दलजीत, अंजु छोंकर आदि ने संबोधित किया।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!