अशोकनगर। जिले के बहादुरपुर कस्बा अंतर्गत फसल काटने के विवाद में एक किसान की पीट-पीट कर हत्या कर दी और पुलिस लापरवाह बनी रही। मृतक और आरोपित पक्ष बीते कई महीनों से जान से मारने और झगड़े के आवेदन थाने में आवेदन दे रहे थे। पर समय रहते पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने का नतीजा किसान की हत्या होना निकला।
मामले को लेकर पुलिस की लापरवाही के संबंध में बात करने के लिए एसपी विनीत जैन और थाना प्रभारी अरविंद कुशवाह से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किए। वहीं इस संबंध में अरविन्द सक्सेना पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर का कहना था कि मामले की फाईल मंगवाता हूं। मैं स्वंय देखूंगा। पुलिस अधीक्षक अशोकनगर से इस संबंध में बात करता हूं।
मामला गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि थाना बहादुरपुर क्षेत्र के बगवा गांव में एक किसान की हत्या हो गई। इस मामले में बहादुरपुर थाना पुलिस की लापरवाही सामने आई है। बताया गया है कि आरोपी और मृतक पक्ष द्वारा बीते कई महीनों से बहादुरपुर थाने में आवेदन दे रहे थे। इन आवेदनों में जान से मारने की धमकी और झगड़े की आशंका जताई गई थी किंतु समय रहते पुलिस ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसकी परिणति में रात दोनों पक्षों में लोमहर्षक संघर्ष हुआ और किसान की जान चली गई।
दरअसल, बगवा गांव के साहू परिवार के दो पक्षों में जमीन के एक टुकड़े को लेकर स्वामित्व का विवाद था। इस टुकड़े में बोई गई सोयाबीन की फसल पकने के बाद मृतक मुकलेश साहू गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि कुछ मजदूर लेकर और ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर खेत पर पहुंच गया। जिसकी सूचना जैसे ही दूसरे पक्ष को हुई तो हथियारों से लैस होकर खेत पर पहुंच गए। एक पक्ष के पांच लोगों ने मृतक मुकलेश साहू की लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी। घटना की सूचना पुलिस के 100 वाहन पर भी आरोपी पक्ष ने दी। रात करीब साढ़़े तीन बजे वाहन मौके पर पहुंचा और ड्यूटी पुलिसकर्मी द्वारा तीन घायलों को बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। ड्यूटी डॉक्टर जय सिंह तोमर ने तीनों घायलों का प्राथमिक उपचार किया और गम्भीर घायल मुकलेश को घातक चोटें होने के कारण साढ़े पांच बजे जिला अस्पताल रिफर कर दिया। किंतु 108 वाहन के व्यस्त होने के कारण घायल को सुबह साढ़े सात बजे जिला अस्पताल भेजा जा सका, जहां पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया।
इस मामले में बहादुरपुर थाना पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पुलिस थाने में महज एक सडक़ का फासला है। पुलिस ने पचास कदम दूर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे मुकलेश पर हमला करने वालों पर एफआईआर दर्ज करना और घायल के बयान लेना तक उचित नहीं समझा। यहां तक कि जब घायल को रिफर किया गया तो कोई पुलिसकर्मी उसके साथ मौजूद नहीं था। हालांकि जैसे ही मुक्लेश की मौत की खबर आई तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। थाना प्रभारी अरविंद कुशवाह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों के बयान लेकर आनन फानन में पांच लोगों विजय, मोहनबाबू, संजीव, बलराम और रामबाबू पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया वहीं पुलिसकर्मियों का एक दल बगवा गांव पहुंचा, जहां तनाव का माहौल था। दोपहर में पुलिस अभिरक्षा में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
दूसरे पक्ष की ओर से दर्ज की एफआईआर
एक ओर जहां मृतक मुकेश के बयानों के लिए इंतजार करते हुए दम तोड़ रहा था, दूसरी ओर बहादुरपुर पुलिस ने उस पर फरियादी बलराम पुत्र दोलतराम साहू उम्र 61 साल के आवेदन पर मारपीट की एफआईआर दर्ज कर दी।
वहीं डॉ.जय सिंह तोमर, चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर का कहना था कि हमने घायल की गम्भीर स्थिति देखते हुए उसे प्राथमिक उपचार के बाद रिफर कर दिया था। बहादुरपुर पुलिस की तरफ से कोई उसके बयान दर्ज करने नहीं आया, जबकि वह बोलने की स्थिति में था। हमने जो एमएलसी पहुंचाई वह भी रिसीव नहीं की गई।