ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 43वें दिन भी जारी रहा। किसान 25 अप्रैल से प्राधिकरण पर दिन-रात डटे हुए है। आज अपनी मांगो को लेकर हजारों की संख्या में किसानों पहले से घोषित अपने कार्यक्रम डेरा डालो घेरा डालो के अनुसार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर घेराव किया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। प्रदर्शन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, इसके बावजूद प्राधिकरण के दोनों गेटों पर टेंट लगाकर किसानों ने डेरा डाल दिया।
किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र के किसानों ने किसान संघर्ष समिति के बैनर तले 10 प्रतिशत विकसित प्लाट, शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण, निजी व सरकारी अस्पताल में छूट, पंचायत चुनाव बहाली की मांग कर रहे हैं। डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण सीईओ बेहद कमजोर अधिकारी है, किसान विरोधी है। किसानों की समस्याओं का हल नहीं करना चाहती। जबकि 50 गांवों के हजारों किसान धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की संवेदनहीनता ना काबिले बर्दाश्त है। लोक सेवक को लोक सेवक की तरह व्यवहार करना चाहिए और किसानों की वाजिब समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए अबकी बार किसान किसी आश्वासन अथवा लिखित आश्वासन के लिए नहीं आए हैं, बल्कि ठोस नतीजे प्राप्त करने आए हैं।
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव अजीत पाल भाटी ने बताया कि पिछले 43 दिनों से हम लोगों का धरना प्राधिकरण पर चल रहा है। प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं है। उसी को लेकर आज हमने डेरा डालो घेरा डालो के तहत दोनों गेटों पर टेंट लगा कर डेरा डाला है। किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, उनका धरना और प्रदर्शन लगातार चलता ही रहेगा।