मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा आज आम बजट 2०24-25 पेश किया गया, जिससे ग्रामीण परिवेश का किसान व मजदूर वर्ग अनेकों आशाएं लिए बैठा था कि आज सरकार के द्वारा जारी होने वाले बजट में ग्रामीण खेत मजदूर की खुशहाली की घोषणा होगी, लेकिन मोदी सरकार 3.० के द्वारा जारी बजट में फिर से किसानों के हाथ खाली ही रह गये। आज जारी बजट का कुल आकार 48 लाख करोड रुपये हैं, जिसमें से देश की अर्थव्यवस्था की सबसे मजबूत धुरी और देश को कृषि प्रधान कहलाने का दर्जा देने वाले कृषकों के हिस्से में 1.52 लाख करोड़ रुपये ही आए, इससे तो यह प्रतीत होता है कि 65 प्रतिशत किसानों की आबादी को सरकार ने सिर्फ 3 प्रतिशत बजट में ही सीमित कर दिया है। ये ग्रामीण भारत के लिए सबसे बड़ा भेदभाव है। देश का किसान कमेरा वर्ग कई वर्षों से आन्दोलनों के माध्यम से सरकार से फसल के वाजिब दाम के लिए एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहा है। अगर फसल बेचने के समय दाम की गारंटी होगी तो किसान उत्पादकता स्वयं बढ़ा देगा, लेकिन सरकार एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा नहीं देना चाहती जिसका इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ-साथ सी2$5० का फार्मूला हो, सम्पूर्ण कर्जमाफी, कृषि उपकरणों से जीएसटी खत्म करने, बिजली कानून व प्रत्येक किसान परिवार को 1० हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने की मांग का भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सरकार उत्पादकता बढाने के नाम पर कारपोरेट की बडी कम्पनियों को बीज बनाने के नाम से खेती में लेकर आना चाहती है। इसीलिए सरकार ने भारत में आयात करने वाली कारपोरेट कम्पनियों पर 5 प्रतिशत तक का कर घटा दिया है। इसी से स्पष्ट होता है कि कारपोरेट को छूट देकर देश के ग्रामीण परिवेश को लूटने की एक नई योजना का निर्माण सरकार के द्वारा इस बजट में किया गया है। सरकार आज बाजार पर कारपोरेट का एकाधिकार स्थापित करने के लिए पूर्ण रूप से उनकी मदद कर रही है। वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में कहा गया है कि निजी क्षेत्र को फंडिंग मुहैया करायी जाएगी। इसी से प्रतीत होता है कि कृषि अनुसंधानों की फेरबदल और जलवायु के नाम पर लचीली किस्मों के बीज को लाना दोनों विदेशी लाबी समूहों और बडे निगमों के एजेंडे हैं। यह बजट ग्रामीण परिवेश के लिए सिर्फ एक कागजी आंकड़ा है, जो कभी गांव में रह रहे किसान व मजदूर तक नहीं पहुंच सकता।
देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं व अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला बजट- कपिल देव
उत्तर प्रदेश शासन में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज प्रस्तुत सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट (2०24-25) 14० करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है। उन्होनें कहा कि बजट में युवाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से कुशल बनाकर रोजगार से जोडऩे पर विशेष जोर दिया गया है और इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम और कौशल प्रशिक्षण ऋण के विस्तार से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही इसमें गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। उन्होंने नए भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री का हृदय से आभार एवं केंद्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन किया है।
बजट आवंटन से कृषि में किसानों की आय बढ़ेगी- अशोक बालियान
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान का कहना है कि कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन से कृषि में किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आज आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती करने में मदद दी जाएगी। 1० हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे। दालों और तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने दलहन व तिलहन मिशन शुरू करने का ऐलान किया है। सरकार दालों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेगी।
सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शहरों के नजदीक वैजटेबल क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। इसमें सरकार स्टार्टअप को भी बढ़ावा देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि अनुसंधान के लिए प्राइवेट संस्थानों को भी फंडिंग दी जाएगी।
इस साल 32 फसलों के लिए 1०9 नई किस्में जारी की जाएंगी, जो उच्च उत्पादकता और मौसम के बदलाव को सहन करने में सक्षम होंगी।
हम उम्मीद करते है कि कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन से कृषि में किसानों की आय बढ़ेगी।