Sunday, September 8, 2024

मुजफ्फरनगर पालिका के दो सभासदों की जांच के आदेश, ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर टेंडर में वित्तीय अनियमितता का आरोप

मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद के दो सभासदों के खिलाफ शासन ने जांच के आदेश दिये है। उन पर नियम विरुद्ध तरीके से ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर टेंडर में वित्तीय अनियमितता किये जाने का आरोप है। उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव संजय कुमार तिवारी ने एक शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी को पत्र भेजकर निर्देश दिये है कि नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर के सभासद राजीव शर्मा व मनोज वर्मा की जांच कराई जाये।

 

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दोनों पर नियम विरुद्ध तरीके से ठेकेदार शानू चैधरी, अभिषेक व अन्य ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर टेंडर में वित्तीय अनियमितता करने के गंभीर आरोप लगे है। मौहल्ला गांधीनगर निवासी समाजसेवी राजवीर सिंह ने विगत 6 जुलाई को प्रदेश शासन में शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर पालिका के सभासद राजीव शर्मा व मनोज वर्मा द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से शानू चैधरी व अभिषेक एवं अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर अधिकारियों व ठेकेदारों को डरा धमकाकर टेंडर अपने चहेते ठेकेदारों के नाम कराकर ठेकेदारी करने में पालिका में हो रही वित्तीय अनियमितता की जांच कराये जाने का अनुरोध किया था, जिसके  पश्चात उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव संजय कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिये है कि तत्काल इस प्रकरण की जांच कराकर रिपोर्ट दी जाये।

 

समाजसेवी राजवीर सिंह द्वारा की गई शिकायत में बताया गया कि सभासद राजीव शर्मा व मनोज वर्मा नगर पालिका के निर्माण विभाग व जलकल विभाग में अपने चहेते ठेकेदारों के नाम से स्वयं ठेकेदारी कर रहे है। आईजीएल कम्पनी द्वारा नगर में गैस पाइप लाइन डाली जा रही है तथा कम्पनी द्वारा नगर क्षेत्र की सड़कों में गड्ढे करके पाइप लाइन डाली गई, इनके द्वारा पालिका अधिकारियों को डरा-धमकाकर कम्पनी से नियम विरूद्ध गड्ढे मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपये पालिका में जमा कराये गये है, जिस सम्बंध में पूर्व में शिकायत की गई थी, जिसकी जांच जिला प्रशासन द्वारा गठित एक कमैटी द्वारा की जा रही है।

 

 

पालिका को इस नियम विरूद्ध जमा कराये गये धन को कम्पनी को वापस करने एवं शासनादेशनुसार ही कम्पनी द्वारा ही गड्ढे भरे जाने के निर्देश जारी किये गये थे। पालिका प्रशासन ने कम्पनी को धनराशि वापस करने की कार्यवाही शुरू की, तो उक्त दोनों सभासदों ने पालिकाध्यक्ष व अधिकारियों को भ्रमित कर एक प्रस्ताव बोर्ड बैठक मंे पास करा लिया, जिसमें कम्पनी का पैसा वापस न किया जाये और गड्ढे पालिका द्वारा ही भरे जाये। इसके बाद उक्त दोनों सभासदों ने अपने चहेते ठेकेदार के नाम टेंडर कराकर मानक के विरुद्ध गड्ढे भरवाकर भुगतान लेने का प्रयास किया जा रहा है।

 

शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस प्रकरण की गहनता से जांच कराकर वित्तीय हानि से रोका जाये। इसके अलावा उक्त दोनों सभासदों द्वारा पालिका में पूरा हस्तक्षेप किया जा रहा और जो ठेकेदार उनकी बात नहीं मानता उसका भुगतान भी रोकने का आदेश जारी करा देते है। हाल ही में एक टेंडर जल निकासी का हुआ था, जिसमें उक्त दोनों सभासदों ने हस्तक्षेप कर टेंडर निरस्त कराने का प्रयास किया। इसी प्रकार उक्त सभासदों ने जलकल विभाग में एक टेंडर सीमा विस्तार के बाद मिलाये गये गांवों के नलकूप संचालन पर निकाला, जिस टंेडर में पहली बार इनकी बात न मानकर अन्य ठेकेदारों ने टेंडर डाल दिये थे।

 

 

टेंडर खोलने के बाद लगभग 30 प्रतिशत कम पर टेंडर आया था, लेकिन इनके चहेते ठेकेदार का टेंडर नहीं आया, तो दोनों ने नियम विरू( अधिकारियों व अध्यक्ष पर दबाव बनाकर टेंडर निरस्त करा दिया और दोबारा टेंडर अभिषेक का मात्रा 3 प्रतिशत कम पर आया, जिसे उन्होंने पास करा दिया। यह कार्य दोनों सभासदों द्वारा अभिषेक ठेकेदार के नाम से स्वयं किया जा रहा है। यह कार्य लगभग 11 करोड रूपये का है, इस प्रकार पालिका को 2 करोड 97 लाख की हानि पहुंचाई गई है, जिसकी गहनता से जांच होनी चाहिए और पालिका को भी वित्तीय हानि की भरपाई दोनों सभासदों व ठेकेदारों से की जानी चाहिए।

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