चंडीगढ़- हरियाणा सरकार ने रविवार से प्रदेश के सात जिलों में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया है। यह सभी जिले पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं। प्रदेश के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शनिवार की शाम जारी आदेशों में कहा है कि किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए प्रदेश के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में 11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
झज्जर में किसानों के 13 फरवरी के दिल्ली कूच के आह्वान को ध्यान में रखते हुए दिल्ली व हरियाणा पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। दोनों सूबों को जोडऩे वाले बहादुरगढ़ के साथ लगते टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे है। ऐहतियातन तौर पर लोहे व सीमेंट के भारी भरकम बैरिकेड्स, कंटीली तारें व कंटेनर लगाए गए हैं। पांच लेयर की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा सर्विलांस के लिए आधुनिक कैमरे और साउंड सिस्टम भी लगाए गए हैं। पुलिस दिल्ली में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने जैसी मांगों को लेकर किसानों के 13 फरवरी से दिल्ली चलो के आहवान का हालांकि झज्जर जिले में कोई असर नजर नहीं आ रहा। आंदाेलनकारियों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा व दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है। टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा और दिल्ली की साइड में भारी भरकम कंटेनर और बैरिकेड लगा दिए गए हैं। किसानों के दिल्ली आने की आहट से कामगारों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। टीकरी बॉर्डर और बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का कहना है कि किसानों की मांग तो जायज है, लेकिन रास्ते रुकने से उनका काम प्रभावित हो जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने किसानों के संभावित आगमन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़े बड़े साउंड सिस्टम और आधुनिक सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए हैं। सडक़ के दोनों तरफ सीमेंट कंक्रीट के अलग अलग साइज के बड़े-बड़े बैरिकेड रखे गए हैं। सडक़ पर बैरिकेड रखने के लिए क्रेन भी मौजूद हैं। दिल्ली पुलिस के सैंकड़ों जवान रिजर्व रखे गए हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत बॉर्डर पर जवानों को तैनात किया जा सके। कुल मिलाकर हालात वहीं पुराने किसान आंदोलन के दिनों की याद ताजा करा रहे हैं।
कैथल में किसान संगठनों द्वारा 13 फरवरी को दिल्ली कूच के मद्देनजर पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। रविवार से पंजाब जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी कर वाहनों के रूट को डायवर्ट किया गया है। पुलिस ने गुहला चीका होकर जिला से पटियाला जाने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया है।
प्रशासन ने केवल एकमात्र रास्ता को खोलकर पटियाला जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। पुलिस पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। कैथल की एसपी उपासना ने बताया कि पंजाब जाने के लिए वाहनों का आवागमन के लिए रूट डायवर्ट किया है। पंजाब के साथ लगते सभी नाके सील रहेंगे। जो इस दौरान आम नागरिकों के आवागमन के लिए यातायात प्रबंधन व रूट डायवर्ट किया है। एसपी ने बताया कि इसके तहत पंजाब के पटियाला जाने के लिए चीका से कल्लरमाजरा, बौपुर, बलबेहड़ा वाले रास्ते का प्रयोग करें। किसानों के आंदोलन को देखते हुए शनिवार को डीजीपी शत्रु जीत कपूर ने गुहला चीका दौरा कर पंजाब की सीमा से लगता सभी नाकों का निरीक्षण कर पुलिस को निर्देश दिए थे।
फतेहाबाद में भी किसानों द्वारा 13 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान के चलते पंजाब सीमा से सटे जिले के जाखल क्षेत्र में पुलिस अलर्ट मोड पर है। पंजाब के किसानों को हरियाणा में घुसने से रोकने के लिए यहां पुलिस द्वारा पूरी तैयारी की गई है। प्रशासन खासकर हरियाणा-पंजाब के मार्गों पर पैनी नजर रखे हुए है। जहां पुलिस का विशेष फोकस जाखल थाना के अंतर्गत म्योंद पुलिस चौकी स्थल पर हैं। इस स्थान के साथ ही पंजाब के कई गांव लगते हैं। ऐसे में प्रशासन ने यहां खूंटा गाढ़ दिया है।
म्योंद भाखड़ा पुल पर पुलिस द्वारा सीमेंट के बड़े-बड़े पिलर्स को क्रेन की मदद से उठाकर सडक़ों के बीचोंबीच रख दिया गया है। मजबूत बेरिकेडिंग के लिए इन पिलर्स के साथ मिट्टी के थैले भर लगाए गए हैं, जिससे किसानों के ट्रैक्टर और अन्य वाहन सडक़ों को पार ना कर सकें। यहीं नहीं, किसान दिल्ली कूच के दौरान जबरदस्ती भी फतेहाबाद जिले में ना घुस सकें, इसके लिए कुलां-जाखल मुख्य मार्ग पर भाखड़ा पुल के समीप सडक़ में नुकीले कीलें तक गाढ़ दी है। जाखल पंजाब सीमा से सटा होने की वजह से यहां पुलिस की खास निगाह बनी हुई हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सीआरपीएफ के जवानों के साथ-साथ भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।