लखनऊ। उत्तर प्रदेश का गन्ना किसान अब स्मार्ट गन्ना किसान बनेंगे। सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में ‘गन्ना निवेश ऐप’ के संचालन के लिए शुक्रवार को किसानों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इस ऐप के माध्यम से प्रदेश के गन्ना किसानों को मिलने वाले कृषि निवेशों के वितरण में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता आयेगी।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की 158 सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं 13 सहकारी चीनी मिल समितियों द्वारा गन्ना कृषकों को प्रत्येक वर्ष लगभग 2.00 लाख मैट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जाता है।
सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में कृषि निवेशों के वितरण के लिये निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए किसानों को गन्ना निवेश ऐप का प्रशिक्षण दिया गया। एक दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण सत्र का आयोजन गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में किया गया।
इस अवसर पर संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि इस व्यवस्था से कृषक को उर्वरक क्रय करते ही अपनी स्वीकृत ऋण सीमा, उर्वरक क्रय करने में उपयोग की गयी ऋण सीमा तथा अवशेष ऋण सीमा की वास्तविक जानकारी एस.एम.एस. के माध्यम से तुरन्त प्राप्त हो जायेगी।
ऑनलाइन उर्वरक वितरण से मैनपावर की लागत में तथा कागजी कार्यवाही में कमी आयेगी तथा उर्वरक वितरण में भी पूर्ण पारदर्शिता बनी रहेगी।
उप्र का किसान अब बनेंगे स्मार्ट गन्ना किसान
अपर गन्ना आयुक्त (समितियां) डॉ.वी.बी.सिंह ने कहा कि इस ऐप के प्रशिक्षण के माध्यम से गन्ना किसानों के जीवन में सुख एवं समृद्धि आयेगी। यह तकनीकी प्रशिक्षण गन्ना किसानों की संस्थाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने की दिशा में एक सार्थक पहल होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रान्ति से जुड़कर प्रदेश का गन्ना किसान अब स्मार्ट गन्ना किसान हो गया है।