नयी दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को किसान, जवान, गरीब और आम जन विरोधी करार देते हुए कहा है कि देश का आम आदमी परेशान है और यह सरकार जवान और किसान के साथ न्याय नहीं कर रही है।
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सोमवार को लोकसभा में ‘अतिरिक्त अनुदानों की अनुपूरक मांगों’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि देश के किसान और जवान को सम्मान नहीं मिल रहा है। किसान परेशान है और सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही है। सरकार जवानों की समस्याओं का भी समाधान नहीं कर पा रही है। जवान देश की सीमा पर विपरीत स्थितियों में काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके हितों पर कुठाराघात कर रही है और गरीब, किसान, जवान के कल्याण की योजनाओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का नर्माण हो रहा है और सड़क निर्माण के बदले सरकार मुआवजा देती है, लेकिन इस काम में बहुत घोटाले हो रहे हैं। फर्जी कागजात बनाकर लोग सड़क निर्माण के बदले धोखाधड़ी कर रहे हैं और जो असली हकदार है उसका हक मारा जा रहा है। इस तरह के मामले पूरे देश में हो रहे हैं इस तरह की शिकायतों की व्यापक जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आशाकर्मी देश के हर राज्य में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। आशा कार्यकर्ताओं की तरह सभी क्षेत्र में परेशान हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और उनके पास जो कौशल होना चाहिए था वह इस सरकार की नीतियों के कारण नहीं मिल रहा है। अनुपूरक मांगों में गरीब को जगह मिलनी चाहिए और इन अनुपूरक मांगों का लाभ सिर्फ अमीरों नहीं मिलना चाहिए और मोदी सरकार को गरीबों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
भाजपा के निशिकांत दूबे ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि कोरोना ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को तबाह किया है और मुद्रास्फीति की दर बहुत तेजी से बढ़ी है। चीन जैसे विकसित देशों में स्थिति काबू से बाहर हो रही है इसलिए मजबूरी में वहां के बैंक कर्ज पर ब्याज बढ़ा रहे हैं, लेकिन भारत में इन विपरीत स्थितियों के बावजूद मुद्रास्फीति की दर सामान्य बनी हुई है और देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि विकास के पथ पर देश किस गति से बढ़ रहा है इसका दर्पण चार लेन की सड़कें हैं जो आदिवासी क्षेत्रों में भी लोगों को असाधारण सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। देश के हर घर को नल के जल से जोड़ा गया है। सरकार गरीबों को अनाज दे रही है ताकि देश का कोई भी गरीब व्यक्ति कहीं भी रहे, कुछ भी काम करे लेकिन उसके बच्चे जहां भी रहें वे भूखे नहीं रहेंगे और इस योजना के तहत उनका पोषण होता रहेगा।
द्रमुक के डीएम कथिर आनंद ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों के लिए वहां की सरकार जो काम कर रही है वह देश में अन्यत्र देखने को नहीं मिलता है। सरकार की नीतियों के कारण देश के बैंकों के हालात ठीक नहीं है। कई बैंकों के पास एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नहीं है और कई निदेशक निर्धारित मानकों के दायरे में नहीं आ रहे हैं। यही वजह है कि बैंकों का 30 प्रतिशत लोन वित्तीय संस्थाओं के हाथों में जा रहा है।l