बरेली – उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले के इस्लामनगर थाने में तैनात एक महिला इंस्पेक्टर को बरेली की एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर किया है।
मेरठ निवासी इंस्पेक्टर ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत मांगी थी। महिला इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर नोटों को सील किया गया है। इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में बदायूं के थाना बिनावर में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बरेली एंटी करप्शन सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि उघैती थाने के सैदपुर गांव की रहने वाले सीमा के विरुद्ध इस्लामनगर थाने में रंगदारी, जान से मारने की धमकी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की विवेचना इस्लामनगर थाने की इंस्पेक्टर क्राइम सिमरजीत कौर कर रहीं थीं। उन्होंने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के बदले 50 हजार की रिश्वत की मांग की थी।
सीमा शर्मा ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। एंटी करप्शन की टीम ने महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ने के लिए जाल बिछाया। एंटी करप्शन बरेली सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि एडीजी के निर्देश पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने बदायूं के इस्लामनगर थाने में उप निरीक्षक कक्ष में इंस्पेक्टर सिमरजीत कौर को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
विवेचना के दौरान इंस्पेक्टर को कोई भी महिला के प्रति ठोस तथ्य नहीं मिला। इस पर उन्होंने रेप पीड़िता से मामले में एफआर लगाने के नाम पर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी। दबाव में आकर रेप पीड़िता ने सिमरन जीत कौर को एक लाख रुपये की रिश्वत दे भी दी थी, लेकिन वह लगातार और रुपये की डिमांड कर रही थी। इसके बाद पीड़िता ने एंटी करप्शन में शिकायत की।
एंटी करप्शन टीम ने योजना के तहत पीड़िता से पचास हजार रुपये की रिश्वत लेने के लिए एक स्थान पर इंस्पेक्टर को बुलवाया। इंस्पेक्टर वहां पहुंची और पीड़िता से रिश्वत ले रही थी, तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। उनके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
इंस्पेक्टर मेरठ में गढ़ रोड पर मोती प्रयाग कॉलोनी की रहने वाली हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा बदायूं जिले के बिनावर थाना मे मुकदमा दर्ज किया गया है। बरेली एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेजा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में नोएडा के निठारी में हुए कांड में भी लापरवाही के चलते सिमरन जीत कौर को बर्खास्त हो चुकी है।