संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। यह आयोजन करीब 46 वर्ष बाद किया जा रहा है। इस अवसर पर आसपास के लोग काफी प्रसन्न दिखे। श्रद्धालु संजय पोली ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी का वितरण और भोजन हमारे यहां पवित्र बताया गया है। हम लोग इस अवसर पर पुराने मंदिर में खिचड़ी प्रसाद का वितरण कर रहे हैं। सब धर्म प्रेमी जनता यहां प्रसाद का भोग कर रही है। यह बहुत ही सुखद और हर्ष का विषय है। उन्होंने आगे बताया कि यह कार्य 46 वर्षों के बाद हो रहा है। यहां से हिंदू पलायन कर गए थे। लेकिन, शासन और सरकार की मदद से यह पावन कार्य हो पा रहा है।
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ऐसा पुनीत अवसर भगवान ने हमें दिया है और इसका बहुत सुखद अहसास है। कार्यक्रम में मौजूद एक अन्य भक्त ने कहा कि इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं और इसी कारण मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। लोग इस दिन दान करके पुण्य कमाते हैं। बता दें कि पिछले साल 14 दिसंबर को करीब 46 साल बाद संभल के नखासा थाना क्षेत्र के खग्गू सराय इलाके में मुस्लिम आबादी वाले कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। जहां मंदिर में श्रद्धालु कभी भजन-कीर्तन करते हुए नजर आते हैं तो कभी महिलाएं भजनों पर झूमती नजर आती हैं।
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कार्तिकेय महादेव मंदिर का कपाट 46 साल के बाद खुलते ही हर तरफ चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में मंदिर का सौंदर्यीकरण करने के इरादे से श्रद्धालुओं ने इसे भगवा रंग से रंग डाला। पूरे मंदिर को भगवा मय कर दिया गया। हालांकि, एसडीएम वंदना मिश्रा मौके पर पहुंची और उन्होंने मंदिर पर रंगाई-पुताई को हटाने के आदेश दिए। एसडीएम ने था कहा कि मंदिर पर रंगाई-पुताई से इसकी प्राचीन और पौराणिक पहचान खत्म हो रही थी। उन्होंने मंदिर की पौराणिकता को कायम रखने के लिए भगवा रंग हटाने के निर्देश दिए थे।