Saturday, February 22, 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी स्कीम की लॉन्च

मुंबई। केंद्र ने सोमवार को ‘एमएसएमई के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना’ शुरू की, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह योजना प्लांट, मशीनरी या इक्विप्मेंट की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान कर एमएसएमई को कोलैटरल फ्री लोन की सुविधा प्रदान करती है। यह स्कीम इक्विप्मेंट/मशीनरी की खरीद के लिए एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत पात्र एमएसएमई को स्वीकृत 100 करोड़ रुपये तक की लोन सुविधा के लिए राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं (एमएलआई) को 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज प्रदान करेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में योजना के तहत पात्र एमएसएमई को स्वीकृति पत्र भी वितरित किए। इस योजना से एमएसएमई के लिए ऋण की आसान उपलब्धता की सुविधा मिलने और भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। स्कीम के अनुसार, उधारकर्ता एक एमएसएमई होना चाहिए, जिसके पास वैध उद्यम पंजीकरण संख्या हो। साथ ही गारंटीकृत ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, परियोजना लागत अधिक भी हो सकती है। इसके अलावा, इक्विप्मेंट/मशीनरी की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए। वित्त मंत्री सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हितधारकों के साथ बजट के बाद बातचीत कार्यक्रम के दौरान ‘स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग’ (एसडब्ल्यूएएमआईएच) फंड के कारण लाभान्वित होने वाले घर खरीदारों को चाबियां भी सौंपीं।

24 जनवरी, 2025 तक, एसडब्ल्यूएएमआईएच फंड ने 50,000 से अधिक घरों को सफलतापूर्वक वितरित किया है और अगले तीन वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष अतिरिक्त 20,000 घर देने की प्रतिबद्धता की है। कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले तीन बजटों में एमएसएमई को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिसमें मौजूदा बजट में सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण भी शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का ध्यान पूंजीगत व्यय से हटकर उपभोग व्यय पर नहीं गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि केंद्र बीमा क्षेत्र में और अधिक सुधारों पर काम कर रहा है, जिसमें 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी गई है। वर्तमान बजट में बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं ताकि बीमा के लिए प्रीमियम भुगतान के लिए नागरिकों का पैसा देश के भीतर ही रहे।

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