जिंदगी में सुख-दु:ख आते रहते हैं हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम जिंदगी में मिलने वाले सुख दु:ख को आने वाली परेशानियोंं को सहजता से लें, जिंदगी में कमियां नहीं खुशियां ढूंढने का प्रयास करे, समस्या पर कम उसके समाधान पर ज़्यादा ध्यान दे, विपरीत परिस्थितों में हताश या निराश होने के विपरीत उन परिस्थिति को सुधारने का प्रयास करें और खुश रहने के अवसर तलाश करें।
समझे सफलता और असफलता के अंतर को
जिंदगी में जहाँ सफलता हमारे सफलता के रास्तों को आसान बनाती है वहीं असफलता हमारे रास्तों को बंद कर देती है, जबकि बहुत से लोगों का तो यहां तक मानना है कि असफलता आसान होती है जबकि सफलता को संभालना बहुत मुश्किल होता है, बहरहाल असफलता के लिए किये गये प्रयास ही हमें सफल बनाते हैं, बस हमें इसका सामना करना आना चाहिए, असफलता से मुकाबला करना आना चाहिए, असफलता एक सबक़ है जो हमें हमारी जिंदगी का बेहतरीन पाठ पढ़ाती है जिसे हम कभी नहीं भूलते।
बचें व्यर्थ के वार्तालाप से
व्यर्थ की गपशप और व्यर्थ की बातों में कभी समय को नष्ट न करें, ज्ञात रहे व्यर्थ का वार्तालाप समय की बर्बादी के साथ अनेक मानसिक समस्याओं का कारण भी बनता है।
रखें भावनाओं का ख्याल
जिंदगी में सफल होने के लिए बहुत आवश्यक है कि हम अपने सम्मान और अपनी भावनाओं का ही केवल ख्याल न रखें बल्कि दूसरों के मान -सम्मान और उनकी भावनाओं का भी पूरा ध्यान रखें, आपकी बातों से कोई आहत न हो इस बात का विशेष ध्यान रखें ।
नया प्रयोग करने से
स्वयं को न रोके
जिंदगी में कुछ नया सीखने से नया करने से स्वयं को कभी न रोके, ज्ञात रहे सीखने की उम्र नहीं होती, हम कभी भी कहीं भी कभी भी किसी से भी कुछ नया सीख सकते है और किसी को सिखा भी सकते हैं नया प्रयोग भी कर सकते हैं।
शॉर्टकट कभी न लें
जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए कभी भी शार्टकट का रास्ता न अपनाएं अपने सपनों को अपने दम पर पूरा करने का हौंसला रक्खे, सफलता का रास्ता थोड़ा मुश्किल है लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं कि जिसे आपकी मेहनत और हौंसला तय न कर पाये, बशर्ते आपका स्वयं पर पूर्ण विश्वास हो।
डालें अच्छी आदतें
हमारी जिंदगी को सफल – असफल बनाने में, हमारी आदतों की ,हमारे स्वभाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, दरअसल आदतें ही व्यक्ति के स्वभाव का निर्माण करती हैं अच्छी आदतें अच्छा स्वभाव, बुरी आदतें बुरा स्वभाव ही हमारे व्यक्तिव का निर्माण करती हैं इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम स्वयं में अच्छी आदतों का निर्माण करें न कि गलत आदतों का, हमारे व्यक्तित्व का निर्माण अच्छा हो उसके लिए माता -पिता को भी चाहिए कि वो आरम्भ से ही अपने बच्चों में अच्छी आदतों का निर्माण करे वो आदतें जो बच्चों के व्यक्तित्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
डॉ. फौजिया नसीम शाद – विनायक फीचर्स