नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यह प्रयोगशाला में मंगलवार को आग लगने की घटना हुई। इस दुर्घटना में कुछ छात्रों को चोटें आई हैं तो कुछ छात्र धुए में घिर जाने के कारण अस्वस्थ हो गए। जख्मी छात्रों को उपचार के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में ले जाया गया है।
छात्रों के मुताबिक आग लगने की यह घटना जेएनयू के स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज की केमिस्ट्री लैब में हुई। यहां केमिस्ट्री लैब में बिजली की तारों में शॉर्ट सर्केट की वजह से आग लग गई। घटनास्थल पर मौजूद छात्रों का कहना है कि इससे केमिकल वाला धुआं निकला, जिसकी वजह से कुछ छात्रों को चोटें एवं अंतरिक रक्त स्राव हुआ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों का कहना है कि जख्मी छात्रों को उनके साथियों ने एम्स में भर्ती कराया है। छात्रों की शिकायत है कि जेएनयू के इस संस्थान में आग से बचाव का न तो फायर अलार्म था न ही यहां आग बुझाने वाले स्वचालित उपकरण लगे थे। जिससे आग को देर में काबू किया जा सका।
छात्रों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दमकल को बुलाया गया। इस प्रकार की अव्यवस्था और पूर्व व्यवस्था न होने पर एबीवीपी जेएनयू इकाई ने मंगलवार को तुरंत कुलपति को पत्र लिखकर साइंस की प्रयोग शालाओं में इस अव्यवस्था को अविलंब दूर करने, फायर निकास के उचित प्रबंध करने एवं उचित संख्या एवं अधिक से अधिक स्थानों पर फायर रोधी सिलेंडर रखने की अपील करते हुए ज्ञापन दिया है।
अभाविप के विकास पटेल ने कहा कि प्रशासन के लिए छात्रों का जीवन सर्वोपरि होना चाहिए। जिस प्रकार बिना किसी उचित सुरक्षा व्यवस्था के साइंस लैब हैं उससे आज किसी भी प्रकार का दूसरा और भी अधिक भयावह हादसा हो सकता है। हमने प्रशासन से अपील की है की इसपर तुरंत संज्ञान लेकर अग्नि शमन एवं बचाव के जो भी उचित तरीके हो सकें उन्हें जल्द से जल्द विज्ञान प्रयोग शालाओं में स्थापित करना चाहिए।
गौरतलब हो की पूर्व में 2016 में जेएनयू के ही पर्यावरण विज्ञान संस्थान में रविवार के दिन एक प्रयोगशाला में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी, जिसमे करोड़े के प्रायोगिक उपकरण नष्ट हो गए थे। उसके पश्चात उस संस्थान में फायर अलार्म, अग्निशमन एवं बचाव के उचित उपाय किए गए थे।