नोएडा। दिल्ली एनसीआर में चार पहिया लग्जरी वाहनों की चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के पांच शातिर बदमाशों को थाना फेस-3 पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है। पुलिस पर गोली चलाकर भाग रहे दो बदमाश जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने से घायल हो गए, तथा तीन बदमाश काम्बिंग के दौरान गिरफ्तार हुए हैं।
बदमाशों की निशानदेही पर चोरी की तीन कार, स्कैनर, डिवाइस, हथौड़ा, चुबंक, चाबी और लॉक तोड़ने के उपकरण समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। घायल बदमाशों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदमाशों ने बरामद वाहन कहां से चोरी की गई है, पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है।
थाना फेस-3 में आयोजित एक पे्रस वार्ता के दौरान एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हृदेश कठेरियाने बताया कि शनिवार रात पुलिस की एक टीम पुस्ता और गढ़ी के बीच सर्विस रोड के पास गश्त कर रही थी। इसी दौरान एक कार पर सवार कुछ संदिग्ध उधर से गुजरे। टीम ने जब उन्हें रूकने का इशारा किया तो वह भागने लगे। पीछा करने पर कार सवार बदमाशों ने पुलिस की टीम पर फायर झोंक दिया। जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने से दोनों बदमाश घायल हो गए। बदमाशों की पहचान आशीष पुत्र जोर सिंह निवासी कामेत थाना बढपुरा जिला इटावा व फिरोज अहमद पुत्र नियाज अली निवासी ग्राम सुजिया थाना गौर जिला बस्ती के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीन अन्य बदमाश अमित उर्फ भुपेन्द्र, दिनेश उर्फ मुलायम उर्फ राजा पुत्र श्रीपति सिंह तथा फन्नू अली उर्फ अजमेर अली पुत्र मुस्ताख अली काम्बिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह वाहन चोरी की नीयत से घूम रहे थे उसी दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उन्होंने बताया कि घायल बदमाश महज दो से तीन मिनट में चार पहिया वाहनों की चोरी कर लेते हैं। अगर वाहन में जीपीएस लगा होता है तो उसे चंद मिनट में ही निकाल कर फेंक देते हैं। रेकी करने के बाद वाहन चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में आरोपी दिन में रेकी करते हैं और रात में वारदात को वारदात करते हैं। घरों और सोसायटियों के अलावा सुनसान जगहों पर खड़ी कारें इनके निशाने पर होती हैं।
जिस स्थान से वाहनों की चोरी करनी होती है गिरोह का एक बदमाश वहां पहले ही पहुंच जाता है और अपने अन्य साथियों को मोबाइल पर वहां होने वाली हर गतिविधि की जानकारी देता है। ग्रीन सिग्नल मिलते ही गिरोह के अन्य बदमाश मौके पर पहुंचते हैं और घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।