Sunday, November 3, 2024

शुक्रतीर्थ तीर्थनगरी में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा, उमडा आस्था का सैलाब, सुरक्षा-व्यवस्था हुई धडाम

मोरना। प्रसिद्ध तीर्थस्थल शुकतीर्थ में कार्तिक गंगा स्नान मेले में रविवार की शाम श्रद्धालुओं की भारी भीड उमड आई। भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाट पर दीपदान के लिए पहुंचे तथा अनुष्ठान कराकर मंदिरों में पूजा अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गयी। साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली, भैंसा बोगी व अन्य निजी साधनों से श्रद्धालु देर रात तक शुकतीर्थ पहुंचते रहे।

मेले में भीड के उमडते ही प्रशासनिक व्यवस्थाओं चौपट हो गई। अनेक स्थानों पर भयंकर जाम की स्थिति से श्रद्धालुओं को जूझना पडा। मोरना, भोपा में भी भारी जाम से राहगीरों को दिक्कत का सामना करना पडा।

शुकतीर्थ में सोमवार को होने वाले मुख्य गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड गंगा घाट पर पहुंची तथा मेला स्थल पर तम्बू लगाकर श्रद्धालुओं ने विश्राम किया। मेला ग्राउण्ड के अलावा श्रद्धालुओं ने मुख्य मार्ग के दोनों ओर तथा गंगा के

दूसरे तट पर भारी संख्या में डेरे लगाए। श्रद्धालु डेरों में एक दूसरे से बतियाते नजर आए तथा भोजन आदि बनाकर एक दूसरे को खिलाया।

श्रद्धालुओं ने शाम के समय मां गंगा में दीपदान कर मां गंगा की पूजा अर्चना की तथा दूध, दही, शहद आदि तर्पण किये। महिलाओं व बच्चों ने बाजार में जाकर खरीदारी की व चाट पकौडी आदि का आनंद लिया।

व्यवस्था में जुटे रहे एसपी देहात: एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव के नेतृत्व में गंगा घाट पर भारी पुलिस बल तैनात रहा, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगे रहे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंगा घाट पर महिला पुलिस बल को तैनात किया गया। इसके अलावा गंगा में पीएसी के जवान मोटरबोट के द्वारा भ्रमण करते रहे। साथ ही श्रद्धालुओं को गहरे पानी में स्नान न करने की सलाह माईक द्वारा दी गई। वहीं सीसीटीवी कैमरों के द्वारा मेले पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है।

प्राचीन वट वृक्ष पर मनोकामना सिद्धि को बांधा धागा: शुकतीर्थ की हृदयस्थली शुकदेव मन्दिर में स्थित प्राचीन वट वृक्ष पर श्रद्धालुओं ने मनोकामना सिद्धि को धागा बांधा व वट वृक्ष की परिक्रमा की। प्राचीन वट वृक्ष के नीचे शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को श्रीमदभागवत कथा सुनाई थी। श्रीमद्भगत भागवत कथा के श्रवण का साक्षी बना वट वृक्ष अजर अमर होकर सदाबहार रहने के वरदान प्राप्त वट वृक्ष की परिक्रमा व धागा बांधने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मेले में महिलाओं की संख्या में लगातार आ रही गिरावट: जहां मेले में महिलाओं व बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य सी समझी जाती है तथा गंगा स्नान मेले में श्रद्धालु परिवार सहित आते रहे हैं, जिसमें महिलाओं का भी विशेष योगदान रहता है

किन्तु प्रतिवर्ष मेले में महिलाओं की आमद में कमी आ रही है। महिलाओं व बच्चों की संख्या में कमी आने से दुकानदारों की दुकानदारी व दुकानों की संख्या भी नहीं बढ पा रही है। महिला श्रद्धालुओं की कमी के चलते अनेक दुकानदार ग्राहकों को तरसते नजर आए।

मेले की शोभा को लेकर प्रशासन नहीं है गम्भीर: मेले में आयोजनों को लेकर प्रशासन गम्भीर नजर नहीं आता है। पुराने ढर्रे का आदी हो चुका प्रशासन कुछ भी नया नहीं करना चाहता है। इस बार जहां मेले के लिए काफी जगह उपलब्ध थी, परन्तु प्रशासन ने पुराने ढर्रे पर चलते हुए मेले को एक ही स्थान पर रखना उचित नहीं समझा। जिससे मेले की शोभा नहीं बन पाई। मेला सोमवार की शाम एक भीड तक सिमटा रहा। कोई भी महत्वपूर्ण आयोजन न होने से आने वाले श्रद्धालु व ग्रामीण रात के समय इधर उधर टहलते रहे।

नई पुरानी संस्कृति का कैसे हो समागम: आधुनिक दौर में बढती तकनीक ने मेले के स्वरूप पर प्रभाव डाला है। मेले में जहां बुजुर्गों व युवाओं के बीच कहीं कहीं कोई बुजुर्ग दिखाई पड रहे हैं, जो खामोशी के साथ कोने में बैठे युवाओं की मौज

मस्ती को देख रहे हैं। वहीं युवा वर्ग मोबाईल से चिपका हुआ है। इंटरनेट के सहारे मनोरंजन करने में व्यस्त युवा पीढी के पास एक दूसरे का हाल जानने का उत्साह दिखाई नहीं पडता। जिससे सामाजिक दूरी बनने की आशंका पैदा हो गई है।

मेला ग्राउण्ड में लगी प्रदर्शनियां बनी मखौल: मेला ग्राउण्ड में विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियों को लगाया गया था। जिन पर कोई भी महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध नहीं थी। कृषि से सम्बंधित कोई बडे स्टॉल आदि न होने से किसान मायूस नजर आए। ग्रामीण संस्कृति के लिए जाने जाने वाले मेले में ग्रामीणों के लिए कोई भी विशेष सांस्कृति आयोजन नहीं हो सका।

देहाती फर्नीचर्स की हो रही खरीदारी: शुकतीर्थ मेले में पारम्परिक वस्तुओं की बिक्री जहां कम होती जा रही है। वहीं आज भी सरकंडों व कांस से बने आरामदायक मूढे, मूढियां, पीढा, मेज व कई प्रकार की कुर्सियों की दुकानें आज भी आकर्षित कर रही हैं। इन दुकानों ने मेले की पारम्परिक रौनक को बना रखा है। दुकानदार मेले आदि में दुकाने लगाकर देशी फर्नीचर्स को बेचते हैं। मेले की बिक्री से उन्हें बडी आशा रहती है। सोमवार को मुख्य स्नान के दिापन उन्हें अपेक्षाकृत बिक्री होने की काफी उम्मीदें हैं।

मेला ग्राउण्ड पर कैसे बढे रौनक: समय के साथ साथ जहां प्रत्येक मेला अपना रूप बडा कर रहा है। वहीं मेला ग्राउण्ड अपना विशाल धारण करने से दूर है। इस बार साधु संतों तथा समाजसेवियों द्वारा मेला ग्राउण्ड पर जगह उपलब्ध होने से मेले को विशाल रूप देने की मांग की गई थी। मेले में बडे झूले, बडे स्तर पर पशु प्रदर्शन, कृषि उत्पाद मेला, सांस्कृतिक

कार्यक्रम जिनमें रागनी, लोक संगीत, कवि सम्मेलन, साहित्य प्रदर्शनी, लोक नृत्य, लोक कलाएं, धर्म प्रचार आदि के आयोजन की मांग की गई थी किन्तु शासन प्रशासन इस ओर बिल्कुल विमुख नजर आया। जिसके चलते मेला ग्राउण्ड पर इक्का दुक्का दुकान नजर आई। रविवार शाम तक भी मेला ग्राउण्ड में अधूरी रौनक रही। झूले आदि में भी बच्चों की उपस्थिति न के बराबर रही।

रविवार की शाम गंगा मैया की हुई महाआरती: गंगा घाट पर साधु संतों, जनप्रतिनिधियों व गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गंगा मैया की आरती की गई। पूजा अर्चना के उपरान्त प्रसाद का वितरण किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने गंगा मैया की आरती में भाग लिया। इस दौरान गंगा मैया में जल, दूध, शहद, घी, पुष्प आदि अर्पित किये गये। गंगा मैया के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने महाआरती में भाग लिया। इस अवसर पर अपर मुख्य अधिकारी पवन गोयल, डॉ. महकार सिंह, पं. रामकुमार शर्मा, विनोद शर्मा, अजय कृष्ण शास्त्री, अक्षय शर्मा, देवेन्द्र आर्य, प्रदीप निर्वाल, रविन्द्र आदि उपस्थित रहे।

प्रशासनिक व्यवस्था रही धडाम: कार्तिक गंगा स्नान मेले को लेकर पिछले एक माह से शासन प्रशासन लगातार बैठक कर आयोजन को सफल बनाने में जुटा हुआ था किन्तु रविवार की शाम श्रद्धालुओं की भीड बढते ही सारी व्यवस्थाएं धडाम नजर आई। पेयजल के लिए श्रद्धालु इधर उधर भटकते रहे तो वहीं मुख्य मार्गों पर वाहन खडे होने से मार्ग संकरे हो गये। गंगा घाट पर बनाए गये अस्थाई महिला वस्त्र परिवर्तनशालाएं भी जर्जर हालत में नजर आई, जिसके टूटने पर पुलिस द्वारा टिन शेड आदि को हटाना पडा। इसी प्रकार अन्य व्यवस्थाएं भी चौपट हो गई। गंदगी में श्रद्धालु फिसलते नजर आए। कूडेदान आदि की व्यवस्था न होने से कूडा चारों ओर फैला नजर आया। रविवार की शाम खतौली से मंगाया गया मोबाईल शौचालय जब गंगा घाट पर पहुंचा तो जाम की स्थिति बन गई। एक महीने से जुटे प्रशासन को एक दिन पहले शौचालय की याद आई।

भोपा से शुकतीर्थ तक यातायात व्यवस्था चरमराई: भोपा से मोरना तक मार्ग के चौडीकरण का कार्य पिछले तीन वर्षों से चल रहा है। इस बार मार्ग संकरा होने के कारण तथा पुलिस की उचित व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालु व राहगीर जाम से जूझते नजर आए। भोपा में गंगनहर पुल पर घंटों जाम लगा रहा, जिससे श्रद्धालु व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पडा। वहीं मोरना स्थित चौ. चरणसिंह चौक पर लगातार जाम की स्थिति बनी रही। गन्ने से भरे टै्रक्टर ट्रॉली का मार्ग डायवर्ट न होने से मोरना में मुख्य मार्गों पर भारी जाम रहा। मोरना में लगा बैरियर भी टूट गया।
भाजपा नेता ने की हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा: भाजपा नेता प्रिंस चौधरी द्वारा शुकतीर्थ में श्रद्धालुओं पर हैलीकॉप्टर द्वारा पुष्पवर्षा की गई। रविवार की दोपहर जनपद बिजनौर से आए हैलीकॉप्टर द्वारा श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई।

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