नई दिल्ली। दिल्ली में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज दुनिया भर में भोजन और पोषण को लेकर इतनी चिंता है, लेकिन हज़ारों साल पहले हमारे शास्त्रों में कहा गया था कि सभी तत्वों में भोजन सर्वोच्च है, इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है।
हमारे आयुर्वेदिक विज्ञान में औषधीय गुणों वाले भोजन के उपयोग की पूरी समझ है। यह पारंपरिक ज्ञान प्रणाली भारत के सामाजिक जीवन का एक हिस्सा है। पीएम ने कहा, भारत में 2 हजार साल पहले कृषि पराशर ग्रंथ लिखा गया था।