नई दिल्ली। सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से गेहूं पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) लागू कर दी है। सरकार ने 15 वर्ष में पहली बार गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू किया है, जो मार्च, 2024 तक लागू रहेगा।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गेहूं की कीमतों में आई तेजी के कारण तत्काल प्रभाव से स्टॉक सीमा लागू की गई है। यह स्टॉक लिमिट व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी खुदरा श्रृंखला विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर 31 मार्च, 2024 तक के लिए लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है। चोपड़ा ने कहा कि मंडी स्तर पर गेहूं की कीमतों में करीब 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, थोक और खुदरा कीमतों में इतना इजाफा नहीं हुआ है।
खाद्य सचिव ने गेहूं पर आयात शुल्क कम करने के बारे में कहा कि नीति में बदलाव की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गेहूं के अलावा सरकार ने ओएमएसएस के तहत चावल को बाजार में उतारने का फैसला किया है। इसकी मात्रा के बारे में बाद में अंतिम रूप से तय किया जाएगा। चोपड़ा ने यह भी कहा कि चीनी के और निर्यात की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।