Sunday, November 24, 2024

किसान की ज़मीन पर किया था जबरन कब्ज़ा, भेजा था जेल, डीसी समेत कई अफसरों के खिलाफ मुकदमा दायर

हिसार । हांसी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी राकेश कुमार की अदालत ने हिसार की उपायुक्त रही डा. प्रियंका सोनी, हांसी के एसडीएम डा. जितेन्द्र अहलावत, पूर्व तहसीलदार राकेश मलिक सहित कई अधिकारियों के खिलाफ दायर इस्तगासा मंजूर कर लिया है।

इस्तगासे में इन अधिकारियों पर धोखाधड़ी सहित विभिन्न आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि तय की है।

इस संबंध में हांसी क्षेत्र के गांव सोरखी के किसान राजेन्द्र ने इस्तगासा दायर किया है। इस्तगासे में हांसी-महम रेलवे लाइन प्रोजेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद गैर कानूनी तरीके से गांव सोरखी में करोड़ों रुपए की लागत से बनी उसकी फैक्ट्री तोडऩे तथा पुलिस अधिकारियों को रिश्वत न देने के कारण गैर कानूनी तरीके से झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल में डालने का आरोप लगाया गया है।

आपराधिक इस्तगासे में जिले की डीसी रही डा. प्रियंका सोनी, हांसी के एसडीएम जितेंद्र अहलावत, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व पूर्व तहसीलदार राकेश मलिक, ठेकेदार गावड़ कंस्ट्रक्शन सहित एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया है। खिलाफ आदि के खिलाफ अपराधिक इस्तगासा दर्ज किया गया है।

किसान राजेन्द्र सोरखी ने बताया कि सरकार के हांसी-महम रेलवे लाइन डालने के प्रोजेक्ट के तहत रेलवे लाइन उनकी सोरखी में पडऩे वाली फैक्ट्री के बीचों बीच से गुजर रही है। उन्होंने इसके खिलाफ पांच सितम्बर 2017 को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने फैसला राजेन्द्र सोरखी के पक्ष में दिया और भूमि अधिग्रहण को खारिज कर दिया।

इसके बाद 2019 में सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट में केस विचाराधीन होने के बावजूद 14 फरवरी 2020 को प्रशासन ने यह जमीन जबरन खाली करवाने की कोशिश की और भू-मालिक राजेन्द्र के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा का केस बनाकर दो दिन जेल में भेज दिया।

इसके बाद राजेन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी तरफ से भी याचिका लगाई और प्रशासन द्वारा जबरन जमीन छीनने का आरोप लगाया जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे लाइन निर्माण पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिये अब भी मामला विचाराधीन है।

किसान राजेन्द्र सोरखी ने कहा कि उनकी फैक्ट्री के रास्ते के लिये व हर्जाने के लिये जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने हांसी कोर्ट में इस्तगासा दायर किया गया जिस पर 12 अप्रैल को सुनवाई होगी।

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