बलिया : जिले में बीजेपी विधायक व क्षेत्रीय वन अधिकारी का विवाद सामने आया है, दरअसल विधायक वन विभाग के दफ्तर में गयी तो वहाँ उन्हें न तो कर्मचारी मिले और न ही अन्य व्यवस्था, जिसके बाद विधायक ने विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए जिसके बाद विभाग के अफसरों ने विधायक पर सरकारी काम में बाधा के जवाबी आरोप मढ़ दिए।
दरअसल विधायक केतकी सिंह अचानक ही वन विभाग के दफ्तर निरीक्षण करने पहुँच गई। जिसके बाद केतकी सिंह ने दावा किया है कि वन विभाग के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को वह जिले के सिकंदरपुर क्षेत्र के रक्सा गांव में पौधारोपण के एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। इस कार्यक्रम के बाद पौधारोपण की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी करने के लिए वह वन विभाग के कार्यालय गईं। उन्होंने बताया कि कार्यालय में अनेक अधिकारी के साथ ही अधिकांश कर्मचारी अनुपस्थित थे। केतकी सिंह ने बताया कि कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
दूसरी तरफ क्षेत्रीय वन अधिकारी सरिता गौतम ने कहा कि जनसुनवाई में शिकायत मिली थी कि मनियर रेंज में सतीश सिंह की अवैध आरा मशीन चल रही है, इस मामले में मुझे जांच करने के लिए बोला गया था। कार्रवाई के लिए एसडीओ और डीएफओ से प्रवर्तन दल का दस्ता मांगा था। इस मामले में डीएफओ ने आदेश भी जारी किया था। हम लोग मौके पर पहुंचे उस वक्त आरा मशीन मौजूद थी, इसके बाद कार्रवाई करते हुए आरा मशीन खोलकर हम लोग ले आए , कार्रवाई के दौरान 20 से 25 लोग मौके पर आ गए थे. इसके बाद हम लोग प्रभारी निदेशक के कार्यालय में आ गए. क्षेत्रीय वन अधिकारी का आरोप है कि इसी दौरान विधायक केतकी सिंह भी आ गईं. इस दौरान उनके कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिन्होंने हम लोगों को घेर लिया, सरकारी काम में बाधा पहुंचाई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपशब्द बोलना शुरू कर दिया।
इस मामले पर बीजेपी विधायक केतकी सिंह का कहना है कि मुझे नहीं पता कि बाधा पहुंचाना किसको कहते हैं, मैं एक जनप्रतिनिधि हूं, मेरे ऊपर जिम्मेदारी है. मेरे जिले के लोग मुझ पर विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि एक विधायक होने के नाते मैं वन विभाग के कार्यालय पर जाती हूं और ये पूछती हूं कि आपके यहां कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं। जब मैं रजिस्टर मंगाती हूं और देखती हूं कि उस कार्यालय पर 21 में से 8 कर्मचारी मौजूद हैं,चार ऐसे अधिकारी थे जिन्होंने साइन ही नहीं किया था रजिस्टर पर, वो थे ही नहीं वहां पर. इन सब बातों पर आवाज उठाना अगर अभद्रता है तो ये अभद्रता मुझे मंजूर है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सुधारना जरूरी है। सिंह ने कहा कि वह एक महिला विधायक हैं, उनकी मौजूदगी में कोई भी किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार कैसे कर सकता है।
इस संदर्भ में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने बताया कि शुक्रवार को यह मसला उनके संज्ञान में आया। उन्होंने शुक्रवार रात्रि इस मामले की रिपोर्ट प्रदेश शासन को भेज दी है। लक्षकार ने बताया कि प्रदेश शासन के निर्देश पर मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी।