Friday, November 15, 2024

पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल फिर गूंजी नगरपालिका की बोर्ड बैठक में, अंजू के चक्कर में प्रिंसिपल हो गयी सस्पेंड !

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की पूर्व अध्यक्ष अंजू अग्रवाल बोर्ड की बैठक में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई जिनके कारण एक प्रिंसिपल को सस्पेंड भी कर दिया गया। दरअसल गणतंत्र दिवस पर नगरपालिका इंटर कॉलेज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कार्यवाहक प्रधानाचार्या सुमित्रा सिंह द्वारा पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल को मुख्य अतिथि बनाये जाने का मामला नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में गूंजा जिसके बाद उन पर गाज गिर गई।

सदन में यह मुद्दा वार्ड 34 की सभासद सीमा जैन ने उठाया। सभासद मनोज वर्मा और सभासद राजीव शर्मा के साथ पूरे सदन का साथ उनको मिला। उन्होंने इसको वर्तमान बोर्ड का अपमान बताकर सुमित्रा सिंह को नियमों के विपरीत कार्यवाहक प्रधानाचार्या नामित करने के आरोप लगाते हुए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप से जांच की मांग की। उनके प्रस्ताव पर सदन ने प्रधानाचार्या को पद से निलम्बित करने का निर्णय लिया है।

सीमा जैन ने कहा कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर है, हम इसको विवादित नहीं बना सकते हैं। नगरपालिका कन्या इण्टर कॉलेज में प्रधानाचार्या पद के लिए खींचतान काफी पुरानी है। वर्तमान में यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। यहां पर प्रधानाचार्या के रूप में कार्यरत रहीं प्रवक्ता इतिहास मीनाक्षी वर्मा का स्थानान्तरण आर्य कन्या पाठशाला इण्टर कॉलेज बादशाहनगर लखनऊ हो जाने के बाद 6 जनवरी को सुमित्रा सिंह को कार्यवाहक प्रधानाचार्या बना दिया गया।

सभासद सीमा जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि 5 जनवरी को विद्यालय समिति का प्रस्ताव पारित कर सुमित्रा सिंह को प्रधानाचार्या नामित कराया गया, जिसमें कई तथ्य छिपाकर चेयरपर्सन जोकि विद्यालय की प्रबंधक हैं, को गुमराह किया गया। क्योंकि पालिका कन्या विद्यालय की कोई समिति ही गठित नहीं है। सीमा जैन ने इस पर गंभीर संज्ञान लेकर कार्यवाही करते हुए निलम्बित कर जांच कराने और नई प्रधानाचार्या की नियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया है।

पूर्व सभासद विकल्प जैन ने बताया कि नगर पालिका कन्या इण्टर कॉलेज पूर्व बोर्ड में विवादों में घिरा रहा है। इस बार हम सभी ने प्रयास करते हुए इस विद्यालय को एक आदर्श विद्यालय बनाने के प्रयास किये और इसमें वरिष्ठ भाजपा नेता गौरव स्वरूप एवं पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप का सकारात्मक सहयोग मिला। 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत करीब एक करोड़ रुपये की लागत से विद्यालय में विकास कार्य कराये जाने की तैयारी हम करा रहे हैं, लेकिन सुमित्रा सिंह, जोकि पूर्व से ही विवादित रहीं हैं, ने गणतंत्र दिवस पर वर्तमान बोर्ड का निरादर किया। हम स्कूल में शिक्षा का बेहतर वातावरण बनाना चाहते हैं, वहां पर विवादों वाली प्रिंसीपल नहीं चाहते। इससे स्कूल का माहौल खराब हो रहा है।

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