Sunday, April 27, 2025

तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में पूर्व डीसीपी को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

हैदराबाद। हैदराबाद की एक अदालत ने बुधवार को फोन टैपिंग मामले में टास्क फोर्स के पूर्व पुलिस उपायुक्त राधा किशन राव को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया।

नामपल्ली कोर्ट ने पुलिस की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें 4 से 10 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के शासनकाल के दौरान किए गए कथित फोन टैपिंग के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए जांचकर्ता इस दौरान उनसे पूछताछ करेंगे।

[irp cats=”24”]

पिछले महीने सामने आए इस मामले में किशन राव को चौथे आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

ऐसे आरोप हैं कि प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक नेताओं, उनके परिवारों और सत्तारूढ़ दल के भीतर असंतुष्टों की निगरानी के लिए विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) में एक स्पेशल ऑपरेशंस टीम (एसओटी) बनाई गई थी।

पूर्व एसआईबी प्रमुख प्रभाकर राव ने कथित तौर पर अपने भरोसेमंद सहयोगियों के साथ एसओटी बनाई, जिसमें डीएसपी डी. प्रणीत राव भी शामिल थे। वह पिछले महीने मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले पुलिस अधिकारी थे।

रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, एसओटी द्वारा किशन राव के साथ जानकारी साझा करने के बाद टास्क फोर्स ने दिसंबर 2018 के चुनावों के दौरान सेरिलिंगमपल्ली निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी उम्मीदवार आनंद प्रसाद के 70 लाख रुपये जब्त किए थे।

प्रणीत राव के इनपुट पर टीम ने 2020 दुब्बाका उपचुनाव के दौरान 1 करोड़ रुपये भी जब्त किए थे। यह पैसा सिद्दीपेट में एक चिटफंड कंपनी का था, जो भाजपा उम्मीदवार एम. रघुनंदन राव के रिश्तेदारों और सहयोगियों से जुड़ी थी।

इसी तरह अक्टूबर 2022 में मुनुगोडे उपचुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार कोमाटिरेड्डी राजा गोपाल रेड्डी के 3.5 करोड़ रुपये पकड़े गए और जब्त किए गए थे।

दो अन्य पुलिस अधिकारियों एन. भुजंगा राव और एम. तिरुपतन्ना को मंगलवार को 6 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मंगलवार को उनकी पांच दिन की पुलिस हिरासत खत्म हो गई थी। इसके बाद दोनों अधिकारियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 6 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

भूपालपल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भुजंगा राव और हैदराबाद सिटी पुलिस के सिटी सिक्योरिटी विंग के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना को 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वे पहले एसआईबी में काम कर चुके थे।

तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के करीबी माने जाने वाले प्रभाकर राव ने कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद एसआईबी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था। पुलिस ने प्रभाकर राव के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है, कहा जाता है कि वह विदेश में हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय