Friday, November 22, 2024

दिल्ली के पूर्व छात्रों ने की मनीष सिसौदिया की पत्नी से मुलाकात, कई लाये थे मनीष के लिए चिट्ठी !

नई दिल्ली| दिल्ली सरकार के कई स्कूलों के पूर्व विद्यार्थियों ने बुधवार को मनीष सिसोदिया के निवास पर उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया से मुलाकात की। गिरफ्तारी से पहले मनीष सिसोदिया ने लोगों से अपील की थी कि वे उनके परिवार का ख्याल रखें। मनीष सिसोदिया की इसी अपील पर यह छात्र सिसोदिया की पत्नी से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे थे। इस दौरान कई छात्र मनीष सिसोदिया के लिए चिट्टियां लाए थे। छात्रों ने यह चिट्ठियां मनीष सिसोदिया की पत्नी को देते हुए जेल में उन तक पहुंचाने की अपील की।

दिल्ली सरकार का कहना है कि पिछले 8 सालों में, दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में, मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम में विभिन्न सुधारों के माध्यम से दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है।

छात्रों ने बताया कि मनीष सर ने हमारे स्कूलों को सुधार कर, शिक्षा में सुधार लाकर हमारी जिंदगी बदल दी है, हम अपने शिक्षा मंत्री और उनके परिवार के साथ खड़े हैं। चिट्ठियों में बच्चों ने मनीष सिसोदिया के साथ के अपने अनुभवों और जिस प्रकार मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के माध्यम से उनकी जिन्दगी में बदलाव लाने का काम किया है उसका जिक्र किया। साथ ही बच्चों ने अपने शिक्षा मंत्री को लिखा की वो हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं।

प्रथम वर्ष के छात्रा सोनी ने कहा, आज हम जो कुछ भी हैं मनीष सर द्वारा शिक्षा में किए गए बदलावों की वजह से हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार स्कूलों में पढ़ने वाले हर छात्र के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव रखा जिसने हमें मुश्किलों से लड़ते हुए बड़े सपने देखने और उसे पूरा करने का विश्वास दिया है। हमें विश्वास है कि हमारे हीरो कभी कुछ गलत नहीं कर सकते है इसलिए हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

एक अन्य छात्रा संजीदा ने कहा, एक बार हमारी मुलाकात के दौरान मनीष सर ने कहा था- अगर आप बाहर जाकर किसी विदेशी कंपनी के मैनेजर बनोगे तो मुझे आप पर गर्व नहीं होगा। लेकिन अगर आप एक एंत्रप्रेन्योर और नौकरी देने वाले बन जाते हैं तो मुझे आप पर बहुत गर्व होगा। उनकी बातों ने मुझे प्रभावित किया और तब से मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह विश्वास मेरे शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से आया है। उसने हमारी जिंदगी बदल दी है और हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वह कुछ भी गलत कर सकता है।

एक अन्य छात्रा योगिता ने कहा, मैं एक गरीब तबके से आती हूं। मेरे पेरेंट्स कभी भी आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं थे कि मुझे एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सके लेकिन मनीष सर ने सरकारी स्कूलों को ऐसा बना दिया कि हमें प्राइवेट स्कूलों की तरफ देखना ही नहीं पड़ा। आज मुझे मनीष सर की वजह से गर्व है कि मैं दिल्ली सरकार के स्कूल से पढ़ी हूं। उन्होंने हमारे स्कूलों को दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर बनाया और हमें विश्व स्तरीय सुविधाएं दीं। मैं अपने जीवन में उनके योगदान को कभी नहीं भूलूंगी वो वह कभी भी कुछ भी गलत नहीं कर सकते।

हर्ष ने कहा, कुछ दिन पहले, मनीष सर हमारे कॉलेज में आए और कहा कि व्यक्ति अपने काम से जाना जाता है इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आपका काम आपकी कहानी से बड़ा होना चाहिए। उन्होंने सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने के अपने काम से साबित कर दिया कि उनका काम उनकी कहानी से कहीं बड़ा है। उनके कामों से न केवल मेरी जिन्दगी बदली है बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढने वाले लाखों बच्चों की जिन्दगी भी बदली है। मुझे यकीन है कि उनके ऊपर लगाये सभी दोष गलत साबित होंगे और वापिस हमारे बीच हमारी पढाई पर चर्चा कर रहे होंगे हम उनके और उनके परिवार के साथ हैं।

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