नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में कांग्रेस के मध्य प्रदेश से विधायक आलोक चतुर्वेदी उर्फ़ पज्जन भैया और उनके पांच साथियों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
जेवर थानाक्षेत्र के मांगरोल गांव के रहने वाले आकाश वशिष्ठ ने गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को एक शिकायत दी। आकाश वशिष्ठ ने बताया कि उन्हें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में काम करने के लिए एक वर्क आर्डर मिला था। यह वर्क आर्डर आकाश को 19 फरवरी 2019 को मिला था। जो पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड की ओर से दिया गया। आकाश वशिष्ठ की कंपनी आकाश इंफ्रास्ट्रक्चर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण करने के लिए क्रश्ड स्टोन की सप्लाई करनी थी। आकाश का आरोप है कि उनकी मुलाकात खजुराहो मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आलोक चतुर्वेदी, अजय पाल सिंह परमार, यशपाल सिंह परमार, कैलाश परमार, नीतीश चतुर्वेदी और निखिल चतुर्वेदी से जेवर टोल प्लाजा के पास रेस्टोरेंट में हुई थी। यह मुलाकात मार्च 2019 में हुई थी। इन आरोपियों ने आकाश वशिष्ठ को बिल्डिंग मैटेरियल मार्केट के मुकाबले सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था।
आकाश वशिष्ठ ने अपनी शिकायत में आगे लिखा है कि इन लोगों ने बताया कि आलोक चतुर्वेदी मध्य प्रदेश में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। उस पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर खनन होता है। जिस पर आलोक चतुर्वेदी का नियंत्रण है। लिहाजा, आलोक चतुर्वेदी और उनके साथी बेहद सस्ती दरों पर कंस्ट्रक्शन मटेरियल उपलब्ध करवा सकते हैं। आकाश वशिष्ठ का कहना है कि उन्होंने आलोक चतुर्वेदी और उनके बाकी साथियों पर भरोसा किया और उन्हें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में निर्माण के लिए क्रश्ड स्टोन सप्लाई करने की जिम्मेदारी दे दी। इन लोगों ने एडवांस के तौर पर 50 लाख रुपये की मांग की। आकाश वशिष्ठ की कंपनी ने खजुराहो मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में 50 लाख रुपये एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर किए।
अब आकाश वशिष्ठ का कहना है कि जब उन्हें बिल्डिंग मैटेरियल की आवश्यकता हुई तो उन्होंने इन लोगों से संपर्क किया, लेकिन खजुराहो मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड ने स्टोन की सप्लाई नहीं की। जब पूछा गया तो बताया कि पूरे इलाके में इस वक्त बिल्डिंग मैटेरियल की कमी है। कुछ दिन में सप्लाई शुरू कर देंगे। अंततः बार-बार पूछने पर भी सप्लाई शुरू नहीं की गई। बाद में इन लोगों ने आश्वासन दिया कि अगली परियोजना के लिए वह बिल्डिंग मटेरियल की सप्लाई कर देंगे। आकाश वशिष्ठ का आरोप है कि जब उन्होंने अगले प्रोजेक्ट की शुरुआत की और आलोक चतुर्वेदी व उनके साथियों से बिल्डिंग मैटेरियल की मांग की तो उन्होंने सप्लाई नहीं दी।
आकाश का आरोप है कि आखिर में परेशान होकर पेशगी के रूप में दिए गए 50 लाख रुपये की मांग की। ऐसा करने पर विधायक आलोक चतुर्वेदी और उनके साथियों ने आकाश वशिष्ठ को गालियां दीं। जान से मारने की धमकी दी और कहा कि अगर अगली बार पैसा मांगा तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। इतना ही नहीं आकाश का आरोप है कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश में उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी है। आकाश ने गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर को बताया कि यह मामला पूरी तरह धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में खयानत, आपराधिक विश्वासघात और झूठे वादे करने का है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने मामले में जेवर के एसएचओ को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। जेवर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक छतरपुर के विधायक आलोक चतुर्वेदी और उनके 5 साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 504 और 507 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जांच की जा रही है।
इस मामले को लेकर छतरपुर से कांग्रेस के विधायक आलोक चतुर्वेदी से ट्राईसिटी टुडे ने संपर्क किया। उन्होंने फोन पर भी बातचीत के दौरान कहा, “मुझे इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। मैं पता करके पूरी जानकारी साझा करूंगा।”