नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर भारतीय सेना ने दिल्ली के तीन अस्पतालों को अपने कब्जे में लिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर दिल्ली आये विदेशी मेहमानों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। सेना ने अपने आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल को स्टैंडबाय पर रखा है। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय सेना का बम निरोधक दस्ता आयोजन स्थल से लेकर हवाई अड्डे तक तैनात किया गया है।
करीब 500 वीवीआईपी कारों का काफिला भी दिल्ली लाया गयाः दुनिया के 20 ताकतवर देशों के नेताओं और नौ अन्य आमंत्रित देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ 1200 वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स दिल्ली में इकट्ठा हो रहे हैं। इसके अलावा इन 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ करीब एक लाख सिक्यूरिटी स्टाफ और द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भी अपने-अपने राष्ट्राध्यक्षों या वरिष्ठ राजनयिकों के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। विदेशी मेहमानों में कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, चीन, रूस से करीब 500 वीवीआईपी कारों का काफिला भी दिल्ली लाया गया है, जिसमें 50 कारों का काफिला अकेले अमेरिकी राष्ट्रपति का है। विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए राजधानी के 23 पांच या सात सितारा होटलों को पहले से ही बुक कर दिया गया है। इनमें आम लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इन सभी होटलों की जमीन से लेकर आसमान तक से निगरानी की जा रही है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट सुइट का एक दिन का किराया आठ लाख रुपयेः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को ठहराने के लिए आईटीसी मौर्या की तीन मंजिल को उनके सर्विस सीक्रेट एजेंटों ने दो दिन पहले से ही अपने कब्जे में ले रखा है। होटल की तीसरी मंजिल पर बाइडन ठहरेंगे, लेकिन अमेरिकी प्रेसिडेंट के नीचे और उसके ऊपर वाले फ्लोर पर उनके सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई और नहीं ठहर सकता। होटल के प्रेसिडेंट सुइट का एक दिन का किराया आठ लाख रुपये है। बाइडन के होटल वाले कमरे की हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को सर्विस सीक्रेट एजेंटों ने हटाकर अपनी डिवाइस लगाई है। कमरों की खिड़कियों को बुलेट प्रूफ बना दिया गया है।
दिल्ली के 35 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाः जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजन स्थल के आसपास दिल्ली के 35 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के 60 हजार जवान, अर्ध सैनिक बल, एनएसजी और सीआरपीएफ के कमांडो को तैनात किया गया है। परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिए आयोजन स्थल के आसपास की ऊंची इमारतों पर एयरक्राफ्ट एंटी गनों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 40 हजार से ज्यादा सीसीटीवी, चेहरे को पढ़ने वाले कैमरे, पुलिस और कमांडो के स्नाइपर्स, खोजी कुत्तों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। प्रगति मैदान के पास हाल ही में बनी टनल को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद करके सुरक्षा घेरे में लिया गया है।
अस्पतालों में सभी राष्ट्राध्यक्षों के लिए अलग-अलग कमरे बुकः इन सब सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद किसी भी आतंकवादी घटना या अन्य आपात स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली के एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल को 24 घंटे के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन अस्पतालों में सभी राष्ट्राध्यक्षों के लिए अलग-अलग कमरे बुक किए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल इमरजेंसी मेडिकल सुविधा दी जा सके। इन तीनों अस्पतालों को भारतीय सेना ने अपने कब्जे में लेकर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमों सहित अपनी त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा टीमों को तैनात किया है। सेना ने दिल्ली कैंट स्थित अपने आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल को भी स्टैंडबाय पर रखा है।
सेना की तीन ब्रिगेड के लगभग 6000 कर्मचारी तैनातः चारों अस्पतालों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित टीमों को सेना की विशेषज्ञ कोर ऑफ इंजीनियर्स टीमों का भी सहयोग मिलेगा। इसके अलावा जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय सेना का बम निरोधक दस्ता आयोजन स्थल से लेकर हवाई अड्डे तक तैनात किया गया है। इसमें तीन ब्रिगेड के लगभग 6000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा कर्मियों को अत्याधुनिक हथियार दिए गए हैं। सेना ने अज्ञात स्थल पर एक गोदाम बनाया है, जहां पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद, बुलेट्स का भंडार रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर कमी न हो। होटलों से लेकर भारत मंडपम् तक के रूट को कई ब्लाक में बांटकर सुरक्षा की तैयारियां की गई हैं।