Wednesday, May 8, 2024

गडकरी ने किया दावा, हमने 12 प्रतिशत सस्ता बनाया द्वारका एक्सप्रेस-वे, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे का जनवरी में होगा उद्घाटन

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नयी दिल्ली- सड़क परिवजन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और इसकी लागत को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) की रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं,वह लिखित सूचना नहीं देने की चूक के कारण हुआ है।

श्री गडकरी ने एक समाचार चैनल द्वारा यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय पारदर्शी और निर्धारित तरीके से सड़कों के निर्माण का काम कर रहा है और एक काम में भी कहीं कोई भ्रष्टाचार हुआ हो तो इसके लिए वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं।

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द्वारका एक्सप्रेस-वे में सीएजी की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार होने संबंधी आरोपों को खारित करते हुए उन्होंने कहा,“द्वारका एक्सप्रेस-वे स्टेट आफ आर्ट प्रोजेक्स है और इसकी कुल लम्बाई 29 किलोमीटर है। लेन के हिसाब से 563 किलोमीटर है। आठ लेन की इस सड़क में छह लेन की सुरंग है और इसकी लागत 250 करोड़ रुपए नहीं बल्कि 206 करोड़ रुपए थी।”

उन्होंने कहा कि परियोजना में हर चरण पर कम लागत आने के लिए सभी कदम उठाए हैं। परियोजना के चार चरण के लिए चार टेंडर मंगाए गये और पहला पैकेज में पांच टेंडर आए और इसमें लागत पांच प्रतिशत कम हुई। दूसरे पैकेज में चार प्रतिशत ऊंची गई और तीसरे पैकेज के टेंडर में 12 कंपनियां शामिल हुई जबकि चौथे पैकेज में आठ प्रतिभागी थे। पूरे प्रोजक्ट में 12 प्रतिशत लागत कम हुई।”

कैग की रिपोर्ट में लागत ज्यादा आने को लेकर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, “समस्या क्या हुई कि इसमें अंदर सुरंग है इसलिए कीमत ज्यादा गई। ज्यादा कीमत आने की बात हमने कैग के सामने रखी और कैग लागत आने के कारणों पर सहमत था लेकिन गलती यह हुई कि लिखित में इसकी सूचना नहीं दी गई और यही चूक सामने आ गई। इस चूक की वजह से कैग की रिपोर्ट में वही लिखा आया जिस पर उसने पहले आपत्ति दर्ज की थी और आपत्ति को लेकर हमारे द्वारा दिए गये कारणों को सही माना था।”

उन्होंने विपक्षी दलों तथा अन्य सभी पक्षों का आह्वान किया कि यदि उन्हें कुछ गलत लगता है तो वह इस बारे में वह सारे सवालों का जवाब देने को तैयार हैं। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। इस बारे में जो भी चुनौती दी जाएगी वह उसका सामना करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं और समय से काम कर रहे हैं। मुझे मोदी सरकार में 50 लाख करोड़ रुपए का काम करने का मौका मिला है और कोई बता दे कि हमने कहीं कोई भ्रष्टाचार किया है। मैं विपक्ष को आह्वान करता हूं कि वे आएं और उनको मैं अपने पारदर्शी होने का सबूत दूंगा। इसमें यदि कोई घोटाला पाया जाता है तो जो चाहें सजा भुगतने को तैयार हूं। कैग ने गलती पकड़ी है और वह सामने आई है। इसकी कुल लागत में हमने 12 प्रतिशत बचाए हैं। यह काम पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुआ है।”

श्री गडकरी ने कहा कि दिल्ली से मुंबई के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेस-वे पर काम तेजी से चल रहा है और अगले साल जनवरी या फरवरी में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। रतलाम तक जल्द ही यातायात शुरू कर दिया जाएगा। उनका कहना था कि इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली और मुंबई के बीच सड़क मार्ग से महज 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा और रास्तों के आसपास के नजारों का भी आनंद लिया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में 65 हजार करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं पर काम पूरा होने से दिल्ली से देहरादून का रास्ता दो घंटे में तय हो सकेगा जबकि दिल्ली से हरिद्वार डेढ़ घंटे में पहुंचा जाएगा। इसी तरह से दिल्ली से जयपुर दो घंटे, चंडीगढ़ ढाई घंटे, अमृतसर चार घंटे तथा कटरा की दूरी दिल्ली से छह घंटे में पूरी की जा सकेगी।

श्री गडकरी ने कहा कि देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहे हैं और 65 लाख करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है और सभी परियोजनाओं पर पैसा बचाने का काम किया जा रहा है।देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क ढाई प्रतिशत से बढकर चार प्रतिशत हो गया है। इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर देश का 40 प्रतिशत ट्रैफिक है। उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर और लेह को जोड़ने के लिए जोजिला में सुरंग का निर्माण किया जा रहा है जिससे 12 महीने यातायात को सुचारूरूप से संचालित किया जा सकेगा। उनका मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही पूरे देश में सड़कों का जाल बिछा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा राम सर्किट का निर्माण भी किया गया है और इस पर 24 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है जबकि गौतमबुध सर्किट पर 22 हजार करोड़ रुपए, महाराष्ट्र पालखी सर्किट पर 12 हजार करोड़ रुपए, मथुरा में भी कोशिश चल रही है। उत्तराखंड में चार धाम परियोजना पर 12 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है जबकि पिथौरागढ मानसरोवर मार्ग पर 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत जिस तेजी से आगे जा रहा है उसके प्रति दुनिया के अन्य देश दिलचस्पी ले रहे हैं। भारत की प्रगति और इस प्रगति की गति को लेकर दुनिया में आकर्षण बढ़ा है। जी-20 सम्मेलन में शामिल हुए देशों से आए मेहमानों का भी इस गति के प्रति आकर्षण है।

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