Saturday, April 26, 2025

मानकों से कहीं अधिक प्रदूषित है गंगा, कुंभ में आचमन के लायक नहीं- कांग्रेस

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि अगले महीने से प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है लेकिन गंगा का पानी मानकों से कहीं ज्यादा प्रदूषित है और इससे श्रद्धालु आचमन नहीं कर सकते इसलिए सरकार को इस दिशा में जरूरी कदम उठाना चाहिए।

 

 

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कांग्रेस के मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में भाजपा सरकार पर लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया और कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। गंगा का पानी डुबकी लगाने और आचमन के उपयोग के अनुकूल नहीं पाया है।

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उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारें हमारी ईश्वरीय और वैदिक आस्थाओं से खिलवाड़ कर रही हैं। हमारी सनातन संस्कृति पर कुठाराघात कर रही हैं। ऐसी मान्यता है कि समूची सृष्टि में महाकुंभ सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है और इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा से प्रारंभ होकर 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। इसमें 6 प्रमुख शाही स्नान होंगे।”

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प्रवक्ता ने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश और देश की भाजपा सरकारों पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि गंगा में सीवेज़ को रोकने के लिए तुरंत सख़्त कदम नहीं उठाया गया तो महाकुंभ में आने वाले लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा।”

 

उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में गंगा का उद्गम स्थल ही प्रदूषित पाया गया। एनजीटी ने उत्तराखंड के जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर तक के आदेश दिए। उत्तराखंड में भी गंगा में नालों के पानी को मिलाए जाने की भयावहता ऐसी थी कि एनजीटी ने 09 फरवरी 2024 के आदेश में यह लिख दिया कि संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और एफआईआर के आदेश दे दिए।”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र, वाराणसी में असि और वरुणा नदी की दुर्दशा से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने काशी में गंगाजल की शुद्धता को लेकर कलेक्टर को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या आप गंगाजल पी सकते हैं। क्यों नहीं बोर्ड लगा देते हैं कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य नहीं है।

 

दुबे कहा, “जिनको माँ गंगा ने बुलाया है, उन्होंने गंगा में गटर का पानी मिलाया है। क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, करोड़ों श्रद्धालुओं को यह आश्वासन देंगे कि कुंभ तक गंगा का जल स्नान और आचमन के योग्य होगा। क्या हाई उच्चस्तरीय समिति की पूरे प्रदेश के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और नालों को गंगा में मिलाए जाने की तथ्यात्मक रिपोर्ट तुरंत एनजीटी में प्रस्तुत करेंगे। क्या श्री मोदी देश से माफी मांगेंगे और कुंभ की और माँ गंगा की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए तुरंत उचित कदम उठाएंगे।”

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