नई दिल्ली। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और स्टार्टअप्स भारत में नौकरियां पैदा करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में इन दोनों क्षेत्रों ने साथ मिलकर आठ करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव सुमिता डावरा की ओर से यह जानकारी राष्ट्रीय राजधानी में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और एम्प्लॉयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईएफआई) के एक इवेंट में पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के हवाले से दी गई। उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय द्वारा श्रम कानूनों का गैर-अपराधीकरण और वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के कारण व्यापार में आसानी हुई है। सामाजिक सुरक्षा और श्रम कल्याण जैसे सुधारों से भारत की वृद्धि दर को और सहारा मिलेगा।
डावरा ने आगे बताया कि 29 श्रम कानूनों को चार श्रम कानूनों में बदला जा चुका है। नेशनल करियर सर्विस पोर्टल को एक्टिव किया जा चुका है। स्किल मंत्रालय की ओर से मिले डेटा को एकीकृत किया जा चुका है। भारत में एक करोड़ के करीब गिग वर्कर्स हैं और 2030 तक इनकी संख्या बढ़कर 2.4 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। बता दें, सरकार की ओर से एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के काम पर प्रभाव को स्टडी कर रही है।