वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में बजट पेश करेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा को 22 जुलाई से 12 अगस्त तक बजट पर चर्चा के लिए मंजूरी दी है। केंद्रीय बजट से हर बार देश के लोगों को काफी उम्मीदें रहती हैं। खासकर मध्यमवर्गीय लोगों के जीवन पर बजट का सीधा असर पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लोग बजट का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही इससे काफी उम्मीदें भी लगाए हुए हैं। स्थानीय निवासी वेद प्रकाश ने कहा कि आगामी बजट से आम जनता राहत की उम्मीद कर रही है। महंगाई कम हो यही हमारी मांग है। जितनी जरूरत की चीजें हैंं, उन पर जीएसटी को कम किया जाए। गैस सिलेंडर के दाम में कमी की जाए। जो भी बुनियादी चीजें हैं, उनके दामों में गिरावट हो। चारू मुखर्जी का कहना है कि, महंगाई से जनता त्रस्त हो चुकी है। इस बार हमारी सरकार से मांग है कि ऐसा बजट पेश हो, जिससे महंगाई में कमी आए। बच्चों की पढ़ाई से संबंधित सामग्री के दामों में कमी हो। उन्होंने कहा कि, हर बार बजट या गरीब के लिए होता है या तो अमीर के लिए।
इस बार हमारी सरकार से मांग है कि, मध्यमवर्गीय लोगों को ध्यान में रख कर बजट बनाया जाए। सुनील कुमार ने कहा कि, इस बार के बजट में महंगाई, शिक्षा, और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ती जा रही है। इसके कारण उनको पढ़ाने में आर्थिक समस्या आ रही है। व्यापारी शीतला प्रसाद उपाध्याय ने भी सरकार से महंगाई कम करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि, बजट में इनकम टैक्स और जीएसटी में राहत मिलनी चाहिए। साथ ही रोजमर्रा की चीजों के दाम भी कम होने चाहिए। बजट का सबसे ज्यादा असर गृहणियों पर पड़ता है। उन्हें महंगाई में भी घर को संतुलित करके चलाने की जिम्मेदारी होती है। आगामी बजट से हाउस वाइफ श्रावणी धारा को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि, राशन, रसोई गैस और शिक्षा में महंगाई कम होनी चाहिए। स्कूल की फीस में कमी की जाए, ताकि हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें।