गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में अब सब कुछ आनलाइन होने जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी अतुल वत्स ने अब सभी कामों को ऑनलाइन करने के साथ ही पेपरलेस वर्क कल्चर को अपनाने पर जोर दिया है।
इसी कड़ी में अब जीडीए अब अपने सभी कामों को ऑनलाइन करने की तैयारी में है। इसके लिए सभी विभागों को पेपरलेस किया जाएगा। विभाग को पेपरलेस करने काम काम एक महीने में शुरू का दिया जाएगा। इससे आवंटियों और शिकायतकर्ताओं को भी फायदा होगा।
बता दें कि जीडीए की 20 से अधिक आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं हैं। इन सभी की डिटेल्स फाइलों में हैं। अब इन फाइलों की सभी डेटा को ऑनलाइन किया जाएगा। जिससे कि व्यवस्था को पूरी तरह से आधुनिक बनाया जा सके। इससे फाइलों की जानकारी एक क्लिक पर आसानी से मिल सकेगी। अभी किसी भी संबंध में जानकारी लेने के लिए लिपिक या संबंधित कर्मचारी के पास जाना पड़ता है या अधिकारी उनको बुलाते हैं। उसके नहीं रहने पर काम में देरी होती है और काम बढ़ता जाता है।
काम होंगे जल्द ऑनलाइन
जानकारी के अनुसार जीडीए की 20 से अधिक आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं हैं। इन योजनाओं में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा आवंटी है। इन सभी के भूखंड, फ्लैट आदि का डेटा प्राधिकरण की फाइलों में दर्ज है। इसी के साथ अन्य कार्यों के लिए प्राधिकरण में फाइलों को अपडेट कर तैयार किया जाता है। लेकिन, अब इस व्यवस्था को आधुनिक बनाने की तैयारी हो रही है। जिसके तहत काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सभी डेटा को ऑनलाइन किया जा रहा है। इन सभी फाइलों की डेटा के ऑनलाइन हो जाने से अधिकारियों को उनके सिस्टम पर ही आवंटियों की पूरी जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी।
आने वाले महीने में काम होगा शुरू
इस बारे में जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि सभी विभागों के काम को आनलाइन करने की तैयारी चल रही है। अधिकांश योजनाओं और आम लोगों से संबंधित जानकारियों को आनलाइन कर दिया गया है। आने वाली योजनाओं के लिए भी आनलाइन फार्म भरने की व्यवस्था की गई है। इन कामों को ऑनलाइन करने की शुरुआत जुलाई से चल रही है। अब सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे। इसके अलावा जो पहले की फाइलें हैं, उन्हें भी ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा। जिससे कि प्राधिकरण को पूरी तरह से पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा। यह व्यवस्था प्राधिकरण के सभी विभागों में जाएगी। इसमें मुख्य रूप से संपत्ति अनुभाग, नियोजन, उद्यान, इंजीनियरिंग, विधि समेत अन्य विभाग हैं। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के कामकाज के वर्तमान में काफी काम ऑनलाइन ही हैं। लेकिन जो बचे हुए हैं उन्हें भी पेपरलेस करने की तैयारी है।