गाजियाबाद। गाजियाबाद बस डिपो को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए काम शुरू हो गया है। कार्यदायी संस्था ने डिपो के आसपास लगी ग्रील और दीवार को तोड़ना शुरू किया। कार्यदायी संस्था से जुड़े लोगों ने बताया कि दीवार 400 मीटर की है। इसे तोड़ने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। एनजीटी के नियमानुसार जहां निर्माण होता है वहां कम से कम दस फुट की ग्रीन शीट लगाई जाती है। इसके बार निर्माण कार्य शुरू किया जाता है।
ग्रीन शीट लगाने में ही एक माह का समय लग जाएगा। उसके बाद खुदाई का काम शुरू होगा। जो नक्शा गाजियाबाद बस डिपो के लिए हेडक्वार्टर भेजा था वह वरिष्ठ अधिकारियों ने अभी पास नहीं किया है। उम्मीद है कि जल्द नक्शा पास हो जाएगा।
यात्रियों को मिलेगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
गाजियाबाद बस डिपो का फर्स्ट लुक कुछ दिन पहले लखनऊ हेडक्वार्टर में आयोजित बैठक में दिखाया था। बस डिपो देखने में बिल्कुल किसी फाइव स्टार होटल जैसा दिखाई देता है। जबकि यहां यात्रियों को सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तर्ज पर दी जाएंगी। जहां एसी वेटिंग रूम से लेकर, ब्रांडेड दुकानें और अन्य तमाम तरह की सुविधाएं रहेंगी। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने एक महीने पहले निर्माण कार्य में बाधा बन रहे पेड़ों को काटने की मंजूरी भी दी थी।
साहिबाबाद शिफ्ट की जाएगीं गाजियाबाद डिपो की बसें
गाजियाबाद डिपो की बसों को निर्माण के दौरान साहिबाबाद बस डिपो शिफ्ट किया जाएगा। सावन के बाद यह काम शुरू होगा। रक्षा बंधन के बाद बसों को शिफ्ट करने का काम तेजी से किया जाएगा। गाजियाबाद बस डिपो की बसें साहिबाबाद बस डिपो पर शिफ्ट होने से यात्रियों के किराए में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। इसमें एक से दो रुपये किराए में बढ़ोत्तरी की उम्मीद अधिकारी कर रहे हैं। जिसे बाद में अपडेट किया जाएगा जब तक कि निर्माण पूरा नहीं होता है। वहीं, कौशांबी डिपो पर भी सॉयल टेस्टिंग का काम शुरू किया गया है।