Wednesday, April 16, 2025

मुजफ्फरनगर में चलती ट्रेन में किशोरी को दबोचा, वकील की बेटी से हुई वारदात, लखनऊ तक मचा हड़कंप

मुजफ्फरनगर।  चैत्र नवरात्रि पर माता वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे कानपुर के अधिवक्ता की नाबालिग बेटी के साथ मुज़फ्फरनगर में चलती ट्रेन में बीती रात हैवानियत की कोशिश की गई। किशोरी को जबरन उठाकर ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन किशोरी के शोर मचाने पर आरोपी भागकर दूसरी बोगी में जा छिपा।

परिजनों ने अन्य यात्रियों की मदद से खोजबीन कर आरोपी को दबोच लिया और उसकी जमकर पिटाई की। टीईटी की मदद से आरोपी को जीआरपी पुलिस के हवाले भी कर दिया गया, लेकिन मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर आरोपी को बिना किसी कार्रवाई के ही छोड़ दिया गया।

पीड़ित अधिवक्ता ने मामले के संबंध में वीडियो और फोटो समेत ट्वीट कर लखनऊ तक हड़कंप मचा दिया। बाद में आलाधिकारियों के आदेश पर मुजफ्फरनगर जीआरपी थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

कानपुर सिटी निवासी एक अधिवक्ता चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष में परिवार समेत माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए जम्मू गए थे। बुधवार को वो सूबेदारगंज सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 22432 से वापस कानपुर लौट रहे थे। अधिवक्ता के मुताबिक “ट्रेन के कोच नंबर एस-6 की ऊपरी बर्थ पर 13 साल की बेटी, मिडिल वाली सीट पर बीवी और नीचे वाली सीट वो खुद और परिवार के अन्य लोग सोए हुए थे।

ट्रेन देर रात करीब 2 बजे सहारनपुर जिले के देवबंद से निकलकर मुजफ्फरनगर के पास पहुंची ही थी कि अचानक एक शख्स आता है और चुपके से ऊपरी बर्थ पर चढ़कर उसकी 13 साल की बेटी को दबोच लेता है। बच्ची का मुंह बंद कर जबरन उसे उठाकर ले जाने की कोशिश करता है, लेकिन बच्ची किसी तरह से उसके बंधन से छूटकर शोर मचा देती है।

यह भी पढ़ें :  योगी आदित्यनाथ ने डॉ0 भीमराव अंबेडकर सम्मान समारोह में उठाई बांग्लादेशी हिंदू दलितों की आवाज

शोरगुल होने पर बोगी में जाग हो जाती तो आरोपी वहां से भागकर एसी कोच में बाथरूम के पास जाकर छिप जाता है।” अधिवक्ता अन्य यात्रियों और बेटी के साथ आरोपी को तलाशते हैं तो कुछ ही देर में वो उनके हाथ लग जाता है।

हैरत इस बात की है कि इतनी बड़ी घटना हो जाती है और संवेदनहीन जीआरपी पुलिस आरोपी को बिना किसी कार्रवाई के ही छोड़ देती है। आरोपी को पिटाई के बाद बुलंदशहर जीआरपी के सिपाही अमित कुमार के सुपुर्द किया गया था। उस वक्त मानसिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से अधिवक्ता ने किसी भी तरह की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था और आरोपी को तुरंत उनकी नज़रों से दूर ले जाने के लिए कहा था, जिस पर सिपाही उसे वहां से ले तो गया, लेकिन उसे 2 बजकर 20 मिनट पर मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।

इसी बीच पीड़ित अधिवक्ता द्वारा 2 बजकर 51 मिनट पर पूरे मामले को लेकर एक ट्वीट किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, डीजीपी, यूपी पुलिस समेत कई को टैग किया गया। ट्वीट होते ही सुबह तक सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। एक के बाद एक कई रिप्लाई हुए। पीड़ित अधिवक्ता का फोन नंबर लेकर उससे बातचीत की गई और कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया।

आपको जानकर हैरत होगी कि चलती सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में इतनी बड़ी वारदात हो जाती है और जीआईपी पुलिस दिनभर क्षेत्र को लेकर मत्थापच्ची करती रहती है। मुजफ्फरनगर वाले घटना को कभी सहारनपुर तो कभी मेरठ का बताते रहे। इसी तरह से सहारनपुर, बुलंदशहर और मेरठ वाले भी घटना का क्षेत्र एक-दूसरे का बताते रहे। लेकिन बाद में मुजफ्फरनगर जीआरपी थाने में अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 363/511 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

यह भी पढ़ें :  रामपुर तिराहा कांड: एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में ट्रांसफर हुई फाइल
- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय