नयी दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ईश्वर का रूप दर्शन के लिये होता है, प्रदर्शन के लिये नहीं।
श्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुये विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला बोला और कहा कि ईश्वर का कोई भी रूप प्रदर्शन के लिये नहीं होता, जिसके दर्शन होते हैं, उसका प्रदर्शन नहीं होता।
उन्होंने कहा, “ कल जो हुआ, देश के कोटि-कोटि देशवासी इसे माफ नहीं करेंगे। एक सौ इकतीस साल पहले स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में कहा था- मुझे गौरव है कि मैं उस धर्म से आता हूं, जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। विवेकानंद जी ने दुनिया के दिग्गजों के सामने ये कहा था, हिंदू सहनशील है। इसी कारण भारत का लोकतंत्र और विविधता पनपी है।
उन्होंने कहा, “ ये गंभीर बात है कि हिंदुओं पर आरोप लगाने का झूठा षड्यंत्र हो रहा है। क्या हिंदू हिंसक होते हैं? ये आपकी सोच, आपका चरित्र है। ये देश शताब्दियों इसे भूलने वाला नहीं है। इन लोगों ने हिंदू आतंकवाद गढ़ने की कोशिश की थी। इन्होंने शक्ति के विनाश की बात कही थी। देश इन्हें माफ नहीं करेगा। देश की संस्कृति-परंपरा का मजाक उड़ाना, इसे फैशन बना दिया गया है। सदन में कल का दृश्य देखकर अब हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या ये अपमान कोई संयोग है या बड़े प्रयोग की तैयारी है। ”
उन्होंने कहा, “ हम बचपन से सीखते हुये आये हैं कि देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिये होता है। ईश्वर का कोई भी रूप प्रदर्शन के लिये नहीं होता। जिसके दर्शन होते हैं, उसका प्रदर्शन नहीं होता। हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ लोगों के दिलों को चोट पहुंचा रहा है। ”
उल्लेखनीय है कि श्री गांधी ने सोमवार को लोकसभा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुये कहा था कि हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय को खत्म करने की बात कही है, दूसरी तरफ जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे सिर्फ हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं…आप हिंदू हैं ही नहीं…।