गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य के चाय बागान इलाकों में रहने वाले आठ लाख चाय बागान श्रमिकों को सरकार आर्थिक सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सहायता लगातार तीन वर्षों तक दी जाएगी। इसके लिए वित्त मंत्री द्वारा आगामी बजट अधिवेशन के दौरान बजट में प्रस्ताव लाया जाएगा। मुख्यमंत्री आज असम विधानसभा के शरदकालीन सत्र के पहले दिन विधायक रूपेश ग्वाला के चाय जनजाति से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार चाय जनजाति के कल्याण के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं लाती रही है। असम के इतिहास में पहली बार चाय जनजातियों तथा अन्य जनजातियों को सरकारी नियुक्तियों के सिलसिले में तीन फ़ीसदी विशेष आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि चाय बागान इलाकों में असम सरकार द्वारा इस दौरान 100 असमिया माध्यम के स्कूल खोले गए हैं। इन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति से उत्साहित होकर सरकार और 100 स्कूल चाय बागान इलाकों में खोलने की योजना पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय जनजाति बहुल क्षेत्रों में 10 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे, ताकि चाय जनजाति के छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर माह में गुवाहाटी में एक साथ आठ हजार नर्तक-नर्तकियों का सामूहिक झूमर नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। यह कार्यक्रम झूमर को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए आयोजित किया जाएगा।
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान इलाकों के लाइनों की सड़कों आदि के मरम्मत के लिए नौ सौ करोड़ रुपए का अनुमोदन दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब के अलावा केंद्र सरकार द्वारा चाय बागान इलाकों में आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए असम को करीब सात सौ करोड़ प्राप्त होंगे। इससे चाय बागान इलाकों में स्कूल, एंबुलेंस, अस्पताल आदि की व्यवस्था ठीक करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार चाय जनजाति के कल्याण के लिए हमेशा ही कार्य करती रही है। चाय जनजाति के लोगों का बिजली बिल माफ करने के लिए सरकार द्वारा 150 करोड़ रुपए दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा ही चाय जनजाति को लेकर वोट की राजनीति करती रही। कभी भी इनके कल्याण के लिए कोई कार्य नहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के नेताओं को जमकर लतारा।