धनबाद। धनबाद के गोदूडीह ओपी क्षेत्र में जमीन धंसने से अचानक बनी खाई में तीन महिलाएं समा गई। तीनों महिलाओं का क्षत-विक्षत शव करीब 18 घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया है।
कोयला कंपनी बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) की माइन्स रेस्क्यू टीम ने कई टुकड़ों के बंटे शवों को सोमवार को करीब 11 बजे निकाला। शवों के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया है।
हादसा रविवार शाम का है। कुसुंडा क्षेत्र की गोंदुडीह कोलियरी में संचालित हिल टॉप आउट सोर्सिंग परियोजना के समीप ट्रांसपोर्टिंग रोड के पास अचानक तेज आवाज के साथ गोफ (खाई) बना। उस वक्त वहां शौच के लिए गई एक महिला गोफ में समा गई। उस महिला को बचाने के दौरान अन्य दो महिलाएं भी गोफ में गिर गयीं।
हासदे के बाद भारी भीड़ जुट गई। रात सिर्फ एक महिला का क्षत-विक्षत शव बाहर निकाला जा सका। बीसीसीएल और जिला प्रशासन ने रविवार शाम हैवी मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन अंधेरे की वजह से इसे रोक देना पड़ा।
इसके बाद सोमवार सुबह दुबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। गोफ में जमींदोज हुई महिलाओं के नाम परला देवी, ठंडी देवी और मंदवा देवी है। तीनों छोटकी बौआ बस्ती की रहने वाली थीं। सभी वहां कोयला चुनने गयी थीं।
इस हादसे के बाद से स्थानीय लोगों में काफी रोष है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बीसीसीएल और सीआईएसएफ के खिलाफ नारेबाजी की।
परियोजना के प्रमुख बीके झा के अनुसार, हादसे के बाद घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे मैनेजर दिलीप कुमार और सहायक प्रबंधक राजेश कुमार के साथ स्थानीय लोगों ने मारपीट की, जिसमें एक सहायक प्रबंधक गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना पाकर टुंडी के विधायक मथुरा महतो भी घटनास्थल पर पहुंचे और गहरी संवेदना प्रकट की।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस इलाके को पहले ही खतरनाक घोषित किया जा चुका है। यहां रह रहे लोगों को बसाने का लिए भूली रीजनल अस्पताल परिसर में जमीन चिन्हित कर दी गई है। इस संबंध में बीसीसीएल को भी अवगत करा दिया गया है। दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन को चिन्हित किया गया है उसे लेकर बीसीसीएल प्रबंधन ने कोई आदेश जारी नही किया है।