गांधीनगर। गुजरात के बनासकांठा जिले के दांतीवाड़ा में सरदार कृषि नगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रबी कृषि महोत्सव-2024 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। राज्य की 246 से अधिक तहसीलों में दो दिवसीय रबी कृषि महोत्सव-2024 का आयोजन 6 और 7 दिसंबर को हो रहा है। दांतीवाड़ा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 12 प्रगतिशील किसानों को अनूठी सूझबूझ से कृषि क्षेत्र में किए गए शोध के लिए सरदार पटेल कृषि अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र में नवीनतम टेक्नोलॉजी की जानकारी देने वाली सूचना पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में विधायक अनिकेत ठाकोर, स्वरूपजी ठाकोर, केशाजी चौहान, मावजीभाई देसाई, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और जिले के पदाधिकारियों और अधिकारियों के अलावा सरदार कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति आर.एम. चौहान, गुजरात प्राकृतिक कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति के.सी. टीम्बडिया, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव संदीप कुमार सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने समारोह के बाद कहा कि यदि किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास की इच्छा शक्ति हो तो बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात ने ज्योतिग्राम योजना से अविरत बिजली तथा सिंचाई प्रबंधन से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी आदि प्रदान करके इसे सिद्ध किया है। गुजरात को कृषि क्रांति में देश का पथ प्रदर्शन करने वाला राज्य बनाने का लक्ष्य प्रधानमंत्री की प्रेरणा से शुरू हुए कृषि महोत्सव की सफलता से साकार हुआ है। ऐसे कृषि महोत्सव में कृषि वैज्ञानिक स्वयं चलकर किसानों को कृषि की बारीक समझ और मार्गदर्शन देते हुए यह बताते हैं कि किसान अपने खेत में कौन सी फसल उगा सकता है तथा कृषि में मूल्य संवर्धन कैसे किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा के समय किसानों की फसल को हुए नुकसान के लिए भी राज्य सरकार कृषि राहत पैकेज की उदारतम सहायता के जरिए लगातार किसानों की मदद करती है। हाल ही में बेमौसम बारिश और चक्रवात की आपदा से फसल को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने किसानों को 1,419 करोड़ रुपये का जो पैकेज दिया है, उसमें से लगभग 1,200 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। कृषि महोत्सव टेक्नोलॉजी युक्त आधुनिक खेती के लिए मार्गदर्शक बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय से आगे की सोच के साथ प्राकृतिक खेती के लिए भी अपील की है।
इसके बाद उन्होंने किसानों को प्रेरक सुझाव देते हुए कहा कि वे एक-दो एकड़ से शुरू कर प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाएं और जमीन एवं मनुष्य, दोनों का स्वास्थ्य खराब होने से रोकने के लिए गाय आधारित प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक संख्या में अपनाएं। उन्होंने कहा, “राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती का जो अभियान चलाया है, उसके परिणामस्वरूप अब तक राज्य के लगभग 9.85 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। दिन के दौरान बिजली आपूर्ति करने की किसानों की मांग के संबंध में राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है।
अगले छह से आठ महीने में पूरे राज्य के किसानों को दिन में बिजली दी जाएगी।” गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में अनेक निर्णय लिए हैं। अनेक योजनाओं को क्रियान्वित कर वित्तीय सहायता सहित कृषि मेलों के माध्यम से मार्गदर्शन भी दिया जाता है। सरकार ने कृषि विशेषज्ञों द्वारा नई शोध, नए बीज, खेती में अधिक उपज और कम लागत में होने वाली खेती सहित प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले, इसके लिए सरकार समर्थन मूल्य की घोषणा कर लागत से 50 फीसदी से अधिक रकम प्रदान करती है। हाल ही में मूंगफली, मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीदी के लिए समर्थन मूल्यों की घोषणा की गई है।
मूंगफली की खरीदी के लिए 160 खरीद केंद्र खोलकर समर्थन मूल्य पर खरीदारी शुरू कर दी गई है। सरकार की ओर से किसानों के हित में सभी कृषि यंत्रों पर सहायता दी जाती है।” उन्होंने कहा कि केवल फसल नुकसान के तहत पिछले आठ वर्षों में 11 हजार करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। सरकार ने जीरो बजट की खेती के लिए किसानों की सदैव चिंता की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक कृषि के अभियान में तेजी लाने के लिए प्राकृतिक कृषि यूनिवर्सिटी और बोर्ड की स्थापना कर किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ने के अनेक आयाम खोले हैं।