नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का उल्लेखनीय योगदान यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहा है कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर समुदाय और वंचित वर्ग एक ऐसा शहर बनाने की महत्वाकांक्षा में पीछे न रह जाएं, जो बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखे। केंद्रीय आवास, शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के 67वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर उक्त उद्गार व्यक्त किए। समारोह का आयोजन द्वारका स्थित यशोभूमि में किया गया था।
पुरी ने कहा कि यह कुछ हद तक डीडीए के प्रयासों का ही नतीजा है कि दिल्ली एक विश्व स्तरीय शहर बनने की राह पर है। उन्होंने कहा कि यथावत स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत डीडीए ने सफलतापूर्वक घर उपलब्ध कराए हैं और पीएम उदय के तहत दिल्ली की 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया में भी है।
इस मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने संबोधित करते हुए कहा कि डीडीए के अध्यक्ष के रूप में पिछले डेढ़ साल से डीडीए की सभी परियोजनाओं में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहा और गर्व से कह सकता हूं कि मैं राष्ट्रीय राजधानी को स्वरूप देने में डीडीए की कड़ी मेहनत से बहुत प्रभावित हूं।
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली एक मिश्रित और जीवंत शहर है। जहां कई एजेंसियां काम कर रही हैं और सरकार तथा इसकी एजेंसियों से लोगों की आकांक्षाएं बहुत बड़ी हैं। इन्हें पूरा करना कोई आसान काम नहीं है लेकिन डीडीए ने शहर के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाई है।