नोएडा। नियमित जीवन शैली, उचित खानपान और व्यायाम पर ध्यान देकर उच्च रक्तचाप को कंट्रोल किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप के कारणों में अधिक मात्रा में नमक का सेवन, बढ़ा हुआ वजन, अनियमित जीवन शैली और व्यायाम की कमी है। यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है। यह बात मंगलवार को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस से पूर्व सेक्टर 39 स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता डा. प्रदीप शैलत ने कही।
डा. शैलत ने बताया- आधुनिक जीवन शैली, भागदौड़ और अवसाद भरी जिंदगी, अत्यधिक शराब के सेवन के कारण हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गयी है। नियमित रूप से बढ़ी हुई रक्तचाप की स्थिति जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है। इसीलिए, उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है।
उन्होंने बताया- उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे हृदय, किडनी व शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है। उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, लेकिन मुख्य रूप से चिंता, अवसाद, अनियमित खानपान और शारीरिक श्रम न करने के कारण होता है। सामान्य स्थिति में रक्त प्रवाह 120/80 से 140/90 के बीच रहता है, लेकिन जैसे ही ब्लड प्रेशर इससे अधिक होने लगे तो चिकित्सक की सलाह से दवा लेनी चाहिये।
लक्षण
चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत, बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं।
क्या करें
वजन संतुलित रखें
शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि करें
रक्त चाप की नियमित जांच कराएं
चिकित्सकीय सलाह के अनुसार दवा लें
क्या न करें
तनाव न लें
शराब व तम्बाकू का सेवन न करें
तेल,घी,नमक का सेवन कम करें
जिला अस्पताल एवं सभी सीएचसी पर लगेंगे बीपी स्क्रीनिंग शिविर गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आरपी सिंह ने बताया- नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एवं स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक की ओर से विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाने के निर्देश प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिये गये हैं। इसके तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को लक्ष्य मानते हुए उनकी रक्तचाप और मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाएगी । 17 मई को बुधवार होने की वजह से इस दिन होने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) एवं नगरीय स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्र पर भी उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के लिए जागरूकता एवं स्क्रीनिंग गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) पर स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया- जिला संयुक्त अस्पताल, सीएचसी भंगेल, दादरी, बादलपुर, डाढ़ा कासना, जेवर में एनसीडी क्लीनिक हैं। गत वर्ष (एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक) जनपद में 8175 मरीज बीपी के मिले, जिनका निरंतर उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया- जिला अस्पताल में वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रदीप शैलत के निर्देशन में एनसीडी की क्लीनिक चलती है। उन्होंने बताया- सीएचसी बिसरख में नई एनसीडी क्लीनिक स्थापित किये जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।