प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हनुमान जी की आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने के आरोपित के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया है। आरोपित के खिलाफ रामपुर के मिलक थाने में 2019 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया याची के खिलाफ आरोप बनता है और कोर्ट ने आरोप पत्र का संज्ञान ले लिया है। लिहाजा, कार्रवाई में हस्तक्षेप करना सही नहीं होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने राजेश कुमार की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
याची के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, सार्वजनिक शरारत करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
कोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी के अनुसार राजेश ने आपत्तिजनक कैप्शन के साथ भगवान हनुमान जी की बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक तस्वीर साझा की थी। मामले की जांच के बाद आरोपपत्र भी दायर कर दिया गया है। याची ने उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।