Saturday, November 23, 2024

जर्मन नाई का पोता डोनाल्ड ट्रंप कैसे बना राष्ट्रपति,जानिए पूरी कहानी

वाशिंगटन। डोनाल्ड जॉन ट्रम्प का जन्म 14 जून, 1946 को न्यूयॉर्क में हुआ था। वे एक रियल एस्टेट व्यवसायी फ्रेड ट्रम्प के बेटे हैं। उनके पिता ने रियल एस्टेट का एक सफल व्यवसाय खड़ा किया, जिसने ट्रम्प को काफी प्रभावशाली शुरुआत दी। ट्रम्प ने व्यवसाय की बारीकियों को समझा और अपने नाम का ब्रांड बनाते हुए रियल एस्टेट, होटल, और कई अन्य क्षेत्रों में अपना साम्राज्य स्थापित किया। 1980 और 1990 के दशकों में, वह न्यूयॉर्क के हाई-प्रोफाइल और मीडिया में छाए रहने वाले व्यवसायियों में से एक बन गए थे।

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2015 में ट्रम्प ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की, जब उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ने की घोषणा की। उनके भाषणों और व्यक्तित्व ने उन्हें जल्दी ही एक प्रभावशाली उम्मीदवार बना दिया। उन्होंने मुख्य रूप से अमेरिका-प्रथम की विचारधारा को आगे बढ़ाया, अवैध प्रवास, आर्थिक सुधार, और कड़े आव्रजन नियमों को अपने एजेंडे का हिस्सा बनाया। 2016 के चुनावों में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को हराकर अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने।
ट्रम्प के कार्यकाल में कई विवादास्पद निर्णय और घटनाएं सामने आईं। उनके द्वारा लागू की गई आव्रजन नीति, मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का प्रस्ताव, और अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर करने के फैसले ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, उनके समर्थकों का एक बड़ा वर्ग उनके स्पष्ट और कठोर निर्णयों का समर्थक बना रहा।
2020 के चुनाव में ट्रम्प को डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन से हार का सामना करना पड़ा। चुनाव नतीजों को ट्रम्प ने “चुनावी धोखाधड़ी” करार दिया और बार-बार कहा कि चुनाव में हेरफेर हुआ है। जनवरी 6, 2021 को, ट्रम्प के एक भाषण के बाद, उनके समर्थकों की एक बड़ी भीड़ ने कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया। यह वही जगह थी जहां अमेरिकी चुनावी परिणामों की पुष्टि की जा रही थी। हजारों लोगों ने बैरिकेड्स तोड़कर अमेरिकी संसद में प्रवेश किया। चार घंटे तक इस हिंसक भीड़ ने संसद को घेरकर रखा। दंगे में चार लोगों की मौत हुई, और दर्जनों घायल हुए। इस घटना ने अमेरिका और दुनिया को हिला कर रख दिया। इसके बाद, ट्रम्प पर कई आलोचनाएं हुईं और उनका सोशल मीडिया अकाउंट भी निलंबित कर दिया गया।

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चार साल बीतने के बाद, ट्रम्प एक बार फिर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनकर मैदान में हैं। इस बार वे भारतवंशी कमला हैरिस से मुकाबला कर रहे हैं, जो अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति और पहली भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति हैं। ट्रम्प ने अपने पुराने एजेंडे को फिर से उठाते हुए अमेरिका की सीमाओं को सुरक्षित रखने, रोजगार बढ़ाने, और अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करने की बात कही है।

पिता की विरासत से लेकर राजनीति में सफर

ट्रम्प का जीवन हमेशा से ही संघर्षों और विवादों से घिरा रहा है। उन्होंने रियल एस्टेट के माध्यम से अपनी पहचान बनाई और फिर राष्ट्रपति के रूप में एक ऐसा कार्यकाल बिताया, जिसे शायद ही अमेरिका और दुनिया कभी भुला पाए। उनकी विरासत, उनके विवादास्पद बयान, और उनकी स्पष्टवादिता ने उन्हें एक ऐसा नेता बनाया है जिसे लोग या तो बेहद पसंद करते हैं या नापसंद करते हैं।

ट्रम्प अब अपनी राजनीतिक विरासत को बनाए रखने और एक बार फिर राष्ट्रपति बनने की कोशिश कर रहे हैं। उनके समर्थकों की भारी संख्या और उनके विरोधियों की तीव्र आलोचनाओं के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के चुनावों में उन्हें जनता से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।

 

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डोनाल्ड ट्रम्प के दादा, फ्रेडरिक ट्रम्प, की कहानी एक साहसिक और मेहनत की मिसाल है। फ्रेडरिक का जन्म जर्मनी के एक छोटे से गांव में हुआ था, लेकिन जब वे केवल आठ साल के थे, उनके पिता का देहांत हो गया। आर्थिक तंगी और कमजोर स्वास्थ्य के कारण वे खेती नहीं कर सकते थे, इसलिए उनकी मां ने उन्हें नाई बनने की ट्रेनिंग दिलाई।

लेखिका ग्वेंडा ब्लेयर की किताब द ट्रम्प्स: थ्री जेनरेशन्स दैट बिल्ट एन एम्पायर में बताया गया है कि फ्रेडरिक अपने काम के प्रति बहुत प्रतिबद्ध थे और सप्ताह के सातों दिन काम करते थे। हालांकि, जर्मनी में एक सख्त कानून था, जिसमें सभी युवाओं को कम से कम तीन साल की सैन्य सेवा करना अनिवार्य था। इस अनिवार्यता से बचने के लिए फ्रेडरिक ने जर्मनी छोड़ दिया और 16 साल की उम्र में अमेरिका चले आए। अक्टूबर 1885 में, 10 दिनों की यात्रा के बाद, वे न्यूयॉर्क पहुंचे और अमेरिका में नए जीवन की शुरुआत की।

 

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अमेरिका में उन्होंने शुरुआत में नाई का काम किया और कुछ समय बाद अलास्का में खनन के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाई। खनन के इस व्यवसाय में उन्हें बड़ी सफलता मिली और उनकी खदानों से सोना भी निकला, जिससे फ्रेडरिक तेजी से अमीर बन गए। आर्थिक रूप से स्थिर होने के बाद, उन्होंने 1902 में जर्मनी लौटकर एलिजाबेथ क्राइस्ट से शादी की। शादी के बाद वे अपनी पत्नी के साथ अमेरिका लौटे, लेकिन एलिजाबेथ को न्यूयॉर्क की सर्दी रास नहीं आई और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।

पत्नी की सेहत को ध्यान में रखते हुए फ्रेडरिक 1904 में एक बार फिर जर्मनी गए, लेकिन वहां उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जर्मनी की सेना को फ्रेडरिक का वापस आना पसंद नहीं आया और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रेडरिक पर जर्मनी में स्टांप से संबंधित घोटाले का भी आरोप था, जिसके कारण बवेरिया के राजा ने उन्हें जर्मनी से निष्कासित कर दिया।

फ्रेडरिक अपनी गर्भवती पत्नी और छोटी बेटी के साथ न्यूयॉर्क लौट आए। कुछ समय बाद, उनकी पत्नी एलिजाबेथ ने डोनाल्ड ट्रम्प के पिता फ्रेड ट्रम्प को जन्म दिया। फ्रेड ट्रम्प ने अपने पिता की मेहनत और दूरदर्शिता की विरासत को आगे बढ़ाया और रियल एस्टेट के व्यवसाय में बड़ी सफलता हासिल की, जिसने बाद में डोनाल्ड ट्रम्प के करियर की नींव रखी।

फ्रेड ट्रम्प, डोनाल्ड ट्रम्प के पिता, ने मेहनत और दूरदर्शिता से एक बड़े कारोबारी साम्राज्य की नींव रखी, जिसने बाद में ट्रम्प परिवार की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1905 को न्यूयॉर्क में हुआ था। फ्रेड की परवरिश पूरी तरह अमेरिकी संस्कृति में हुई, और वह जर्मन भाषा से अनजान थे, हालांकि उनके पिता फ्रेडरिक जर्मनी से अमेरिका आए थे।

फ्रेड ट्रम्प ने बहुत कम उम्र में जिम्मेदारियाँ संभालीं। 1918 में, जब वे केवल 15 साल के थे, उनके पिता फ्रेडरिक का निधन हो गया और परिवार की आर्थिक स्थिति का दारोमदार उन पर आ गया। उन्होंने रियल एस्टेट का काम सीखा और 1927 में अपनी माँ के नाम पर एक रियल एस्टेट कंपनी ‘एलिजाबेथ ट्रम्प एंड सन’ की शुरुआत की। इस कंपनी के माध्यम से उन्होंने ब्रुकलिन और क्वींस जैसे इलाकों में सस्ते और किफायती घरों का निर्माण किया।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, फ्रेड ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए बड़ी संख्या में घर बनाए। उनकी विशेषता थी कि वे सस्ते घर बनाकर लोगों को किराए पर देते थे, जिससे उनका कारोबार तेजी से बढ़ता गया और उन्हें काफी मुनाफा हुआ।

1930 के दशक में, एक पार्टी के दौरान फ्रेड ट्रम्प की मुलाकात स्कॉटिश महिला मैरी ऐनी मैकलियोड से हुई। उनके जीवन के बारे में जानकारी देने वाली पुस्तक ट्रम्प रिवील्ड में माइकल क्रैनिश और मार्क फिशर बताते हैं कि फ्रेड ने उसी रात यह घोषणा कर दी थी कि उन्होंने अपनी जीवनसंगिनी ढूंढ़ ली है। 1936 में मैरी ऐनी से उनकी शादी हुई, और यह जोड़ा ट्रम्प परिवार की विरासत का हिस्सा बन गया।

हालांकि, फ्रेड का कारोबार सफल रहा, लेकिन उनकी यात्रा विवादों से अछूती नहीं रही। 1970 के दशक में उन पर आरोप लगे कि वे अपने किराएदारों में भेदभाव करते थे और विशेष रूप से अश्वेत लोगों को घर किराए पर नहीं देते थे। इस भेदभाव के कारण उन पर मुकदमा भी चला, हालांकि बाद में मामला सुलझा लिया गया।

फ्रेड ट्रम्प की मेहनत, उनकी व्यावसायिक रणनीतियाँ और उनके द्वारा बनाए गए रियल एस्टेट साम्राज्य ने ट्रम्प परिवार को न्यूयॉर्क में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। उनके इस प्रयास ने डोनाल्ड ट्रम्प के लिए भी एक मजबूत नींव रखी, जिससे डोनाल्ड ने खुद को एक सफल कारोबारी और बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में स्थापित किया।

 

रियलिटी शो से सेलिब्रिटी बने ट्रम्प ट्रम्प ने 2004 में एक टीवी रियलिटी शो ‘द अप्रेंटिस’ की शुरुआत की। इसे ट्रम्प खुद होस्ट करते थे। शो में सिलेक्ट होने वाले कंटेस्टेंट को ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन में मैनेजमेट कॉन्ट्रेक्ट मिलता था। इसके लिए ट्रम्प कंटेस्टेंट से सवाल करते थे।

सवाल का जवाब ठीक से न दे पाने वाले को ट्रम्प यू आर फायर्ड कहकर निकाल दिया करते थे। इस पंच लाइन ने उन्हें अमेरिका के घर-घर में पहचान दिलाई। ट्रम्प के इस शो के 14 सीजन ब्रॉडकास्ट हुए थे। इस शो के जरिए ट्रम्प एक फेमस मीडिया पर्सनालिटी बन गए।

ट्रम्प ने हॉलीवुड की फिल्मों और सीरीज में एक्टिंग का काम भी किया है। ट्रम्प ने पहली बार 1989 में ‘घोस्ट कान्ट डू इट’ में काम किया। इस फिल्म में उन्होंने अपना ही किरदार प्ले किया था। इसके अलावा उन्होंने ‘होम अलोन 2: लॉस्ट इन न्यूयॉर्क, ‘द लिटिल रास्कल’, सेक्स एंड द सिटी’ जैसी लगभग 30 फिल्मों और सीरीज में काम किया।

ट्रम्प ने रेसलिंग की दुनिया में भी खुद को आजमाया। NYT के मुताबिक उन्होंने 1988 और 1989 में रेसल मेनिया को स्पॉन्सर किया। 1991 और 2004 में वो WWE में दिखाई भी दिए।

इसके अलावा उन्होंने 2007 में WWE के पूर्व CEO विंस मैकमोहन के साथ बैटल ऑफ बिलियनर में फाइट भी किया। इस दौरान ट्रम्प ने मैकमोहन के सिर को शेव करके गंजा कर दिया था। इस तरह से ट्रम्प ने खुद को एक सेलिब्रिटी फेस के तौर पर लोगों के सामने पेश किया।

ब्रिटेनिका की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प 1980 के दशक से ही राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने को लेकर बयानबाजी करते रहते थे। हालांकि, ट्रम्प के इन बयानों को तब पब्लिसिटी स्टंट के तौर पर देखा जाता था। ट्रम्प शुरुआत में रिपब्लिकन पार्टी के रजिस्टर्ड वोटर थे।

लेकिन साल 2000 में ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी की बजाय रिफॉर्म पार्टी में अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया। साल 2000 में उन्होंने रिफार्म पार्टी से खुद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया। लेकिन चार महीने बाद नाम वापस ले लिया।

 

डोनाल्ड ट्रम्प का जन्म 14 जून 1946 को न्यूयॉर्क में हुआ था। ट्रम्प के जन्म के समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत थी, जिसे देखते हुए उनके बारे में कहा जाता है कि वे “चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए थे।” डोनाल्ड अपने पिता फ्रेड ट्रम्प के पाँच बच्चों में चौथे स्थान पर थे। उनके पिता बेहद सख्त और अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे, जो चाहते थे कि उनके बच्चे मेहनती बनें और बड़े सपने देखें। डोनाल्ड को अपने पिता से खास लगाव भी था, और वे कम उम्र से ही उनके व्यवसाय में रूचि लेने लगे थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प जब 3 साल के थे, तब से उनके पिता के बिजनेस से उनकी आय शुरू हो गई थी, और 8 साल की उम्र तक वे करोड़पति बन चुके थे। उनकी माँ की खराब तबीयत के कारण उनकी परवरिश पर उनके पिता का गहरा असर पड़ा। अपने बड़े भाई फ्रेड जूनियर के प्रति भी ट्रम्प का विशेष लगाव था, लेकिन फ्रेड की असमय मृत्यु ने डोनाल्ड को गहरे रूप से प्रभावित किया, जिसके बाद उन्होंने शराब और सिगरेट को हमेशा के लिए त्याग दिया।

ट्रम्प का शुरुआती शिक्षण न्यूयॉर्क शहर में हुआ, लेकिन स्कूल में आक्रामक रवैये के कारण उनके पिता ने उन्हें न्यूयॉर्क मिलिट्री स्कूल में दाखिला दिला दिया। वहाँ भी उनका आक्रामक स्वभाव बरकरार रहा, लेकिन उन्होंने इस अनुशासनप्रिय वातावरण में लीडरशिप की क्वालिटी विकसित की। मिलिट्री स्कूल से 1964 में पासआउट होने के बाद ट्रम्प ने फोर्डहम यूनिवर्सिटी और फिर पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी में शिक्षा ली, जहाँ उन्होंने रियल एस्टेट प्रोग्राम का अध्ययन किया और 1968 में इकोनॉमिक्स में डिग्री हासिल की।

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने भाई के बजाय पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उनके बड़े भाई फ्रेड जूनियर ने पायलट बनने का निर्णय लिया, जिससे रियल एस्टेट बिजनेस की जिम्मेदारी पूरी तरह डोनाल्ड पर आ गई। ट्रम्प ने पिता से मिले 1 मिलियन डॉलर के कर्ज के साथ इस काम को शुरू किया और अपने जुनून और दूरदर्शिता के बल पर इसे विस्तार देना शुरू किया। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर ‘द ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन’ कर दिया और जल्द ही इसके प्रेसिडेंट बन गए।

1970 और 1980 के दशक में ट्रम्प ने रियल एस्टेट की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने न्यूयॉर्क में बड़े-बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया और महत्वाकांक्षी व्यवसायी के तौर पर उभरे। इसके साथ ही उनकी निजी ज़िन्दगी भी चर्चा का विषय बनी। 1977 में उन्होंने चेकोस्लोवाकिया की मॉडल इवाना से शादी की, जो उनकी शोहरत में और इज़ाफा करने वाली घटनाओं में से एक रही।

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पिता की कंपनी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और इसे एक विशाल रियल एस्टेट साम्राज्य में बदल दिया, जिसे वे ‘ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन’ के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने में सफल रहे।

डोनाल्ड ट्रम्प ने राजनीति में अपने अलग और अप्रत्याशित दृष्टिकोण से रिपब्लिकन पार्टी पर प्रभाव डाला और धीरे-धीरे अपना वर्चस्व स्थापित किया। अमेरिकी राजनीति के विशेषज्ञ जेरेमी पीटर्स अपनी किताब इंसर्जेंसी में बताते हैं कि ट्रम्प का मुख्य हथियार उनका पारंपरिक राजनीतिज्ञ न होना था। उन्होंने खुलकर और बेबाकी से अपने विचार रखे, जो आमतौर पर रूढ़िवादी रिपब्लिकन नेताओं से सुनने को नहीं मिलते थे। उनके आक्रामक बयानों ने रूढ़िवादी और कट्टरपंथी वोटर्स के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ाई।

ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी में गर्भपात जैसे विवादास्पद मुद्दों पर बोलकर इन मुद्दों पर अपने रुख को साफ किया। उन्होंने कहा कि वे ऐसे न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे जो गर्भपात के अधिकार को पलट सकें। इसके अलावा, वे अमेरिका की सीमाओं, इमिग्रेशन, और ट्रेड जैसे मुद्दों पर भी कड़ा रुख अपनाते रहे। इसका असर यह हुआ कि पार्टी के लाखों रूढ़िवादी समर्थक उनके साथ खड़े हो गए।

2020 के चुनाव में हारने के बावजूद, ट्रम्प का पार्टी पर दबदबा बरकरार रहा। उनके नेतृत्व की शैली ने पार्टी में विरोधियों को पीछे छोड़ दिया, और रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं को अंततः उनका समर्थन करना पड़ा। ट्रम्प ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी को भी सुरक्षित कर लिया, और अभी वे एक बार फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं।

दूसरी ओर, कमला हैरिस का सफर एक अलग तरह की कहानी कहता है। एक भारतवंशी परिवार में जन्मी, कमला ने अमेरिका की राजनीति में ऐतिहासिक रूप से एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। अपनी दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता के बल पर, उन्होंने अमेरिका की पुरुष-प्रधान राजनीति में खुद को स्थापित किया है। अपने जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर मुखरता से आवाज उठाई और आज अमेरिका की एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती के रूप में उभरकर आई हैं।

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