आज सुबह-सुबह कॉलेज जाते समय निर्मला के घर गयी तो वह तैयार नहीं हुई थी। मैंने उससे पूछा, ‘क्या हुआ निर्मला, इतनी देर हो रही है आज तुम्हें।
‘हां अनु, जरा नोट्स बना रही थी’, बालों में अगुंलियां फेरते हुए उसने कहा, ‘अनु जरा मेरे ड्रेसिंग टेबिल के दराज से हेयर पिन देना! निर्मला ने जल्दी-जल्दी मुंह में ब्रेड की स्लाइस रखते हुए कहा। निर्मला की ड्रेसिंग टेबल देख कर दंग रह गयी मैं ! उल्टे-सीधे सामानों से खचाखच भरा हुआ था उसका दराज। हेयर पिन निकालने के लिये सारे सामानों को मेज पर डाल देना पड़ा लेकिन हेयरपिन न मिला। इतना समय नहीं था कि पुन: व्यवस्थित रूप से सामान दराज में रखा जा सके।
तभी निर्मला जूतियां पहनते हुए चिल्लायी, ‘अनु, स्टडी टेबल की दराज से लाल कलम ले कर बाहर आना।
मैंने टेबल का दराज खोला जो खुली कलम, ब्लेड, छोटी डायरी आदि सामानों से भरी पड़ी थी। जल्दी-जल्दी में कलम लेते समय मेरा हाथ ब्लेड से कट गया। जब तक मैं कमरे से बाहर निकली, कमरे की हालत देखने लायक थी। जान पड़ता था कि उसे ठीक होने में कम से कम दो दिन तो लगेंगे ही।
यह केवल निर्मला के कमरे की दराजों की बात नहीं है। अस्सी प्रतिशत लोगों के घर में लगभग ऐसी ही स्थिति देखी जाती है। बाहर से तो काफी सजा-संवार कर रखते हैं कमरे को, मेज को, पूरे घर को, स्वयं को भी किंतु भीतर से वह कबाड़ नजर आता है। युवतियां जहां सोलह श्रृंगार करती हैं, ड्रेसिंग टेबल का हाल तो अच्छा रहता है लेकिन बेचारा दराज देखने लायक होता है। दूसरी ओर पढऩे की मेज तो चमक रही होती है किंतु दराज रो रहा होता है।
यह बहुत महत्त्वपूर्ण बात है कि आज के भाग दौड़ और व्यस्तता भरे जीवन में छोटी छोटी बातों पर हम ध्यान दें ताकि हमारे समय में बचत हो सके। समय पर हम जो ढूंढें, वह हमें मिल सके। व्यर्थ के सामानों से दराज को ठूंसा न जाए। देखिए, अब निर्मला की कलम व हेयर पिन ढूंढने से हमारी बस छूट गयी और हम कॉलेज में लेट हो गये। है न यह सोचने की बात!
ड्रेसिंग टेबल की दराज:- ड्रेसिंग टेबल की साफ-सफाई की ओर जिस तरह से ध्यान देती हैं, उसी तरह से दराज की ओर भी विशेष ध्यान दें ताकि समय पर आपको किसी तरह की परेशानी का सामना न उठाना पड़े।
बिंदियों के स्ट्रिप्स को दराज में जबरन न ठूंसें। उसे स्टैपलर की सहायता से एक के बाद एक पिन कर, लंबी सी लड़ी बनाकर ड्रेसिंग टेबिल के कोने में टांग दें ताकि लगाते समय आपको सारी शेड की बिंदियां दिखाई दें। दराज में हेयर पिन, सेफ्टी पिन जैसी वस्तुओं को किसी पारदर्शी डिबिया में रखने का प्रबंध करें ताकि समय पर दौड़ा दौड़ी न हो।
दराज में चूडिय़ों का ढेर न लगाएं। लकड़ी या प्लास्टिक की चूडिय़ों का स्टैंड खरीद कर लाएं और डेऊसिंग टेबिल के ऊपर रखें। दराज में एक साथ चूडिय़ां रखने से टूटने का खतरा रहता है। दराज में रोलर, हेना ब्रश, कंघी जैसी वस्तुएं व्यवस्थित रूप से रखें ताकि समय पर मिल सकें। सिंदूर की डिबिया दराज में न रख कर डेऊसिंग टेबल पर रखने की व्यवस्था करें। पढ़ाई की मेज की दराज:- पतिदेव की, बच्चों की या फिर आपकी मेज की दराज हो, आप स्वयं भी व्यवस्थित रूप से उसे रखें और दूसरों को भी रखना सिखाएं। दराज में, खुले ब्लेड, ज्योमेट्री बॉक्स की परकार, आलपिन आदि खुली न रखें।
किताबों या डायरी आदि के साथ कलम न रखें क्योंकि कलम का ढक्कन बंद न होने के कारण दराज, किताबेें आदि एक साथ खराब होने की संभावना हो सकती है। बच्चों की मेज की दराज में टार्च रखने का प्रबंध अवश्य करें ताकि जब बिजली चली जाए तो वे किसी प्रकार की असुविधा महसूस न करें। इन दराजों में ओडोनिल या कपूर की गोलियां रखें।
किचन की दराज:- जी हां, किचन की दराजों के विषय में खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि समय-समय पर इनकी साफ-सफाई न होने के कारण न केवल इसमें सीलन की बू आने लगती है वरन् तिलचट्टे अपना घर बसाने लगते हैं।
उनके अंडे जगह-जगह दिखाई देने लगते हैं। यहां जरूरी हो जाता है कि आप नियमित दराज की सफाई के साथ ओडोनिल जैसी वस्तुओं का प्रयोग करें।
चाकू, चम्मच आदि वस्तुओं को एक साथ न रखें। पेचकस, कील, छोटे हथौड़े, कैंडल, माचिस जैसी वस्तुओं को एक दराज में रखें ताकि समय पर आपको उपलब्ध हो सकें। बोतल ओपनर, पेपर नेपकिन, आईस क्यूब पिकर जैसी वस्तुओं को दराज में रखें ताकि मेहमानों के आने पर आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो। कपूर या ओडोनिल जैसी वस्तुएं न रखें क्योंकि इनमें इसकी बू आने लगेगी। इसके स्थान पर सामान्य लौंग के टुकड़े या नीम के पत्तों पर अखबारी कागज बिछा कर रखें।
– रूबी