नई दिल्ली। एक समय था, जब भारत को दुनिया के दूसरे देशों से गेहूं का आयात करना पड़ता था. फिर देश में हरित क्रांति हुई और खाद्यान्न के मामले में हम आत्मनिर्भर बन गए। आज हालात ये है कि सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न दे रही है, वहीं हम तुर्की से लेकर मिस्र और यूरोप तक गेहूं अथवा आटे का एक्सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही देश में आटा महंगा होकर आम आदमी की जेब की वाट लगा सकता है।
जी हां, देश में इस समय गोदामों में गेहूं का भंडार कम हो रहा है. नियम के मुताबिक देश के गोदामों में हर वक्त इतना गेहूं मौजूद रहना चाहिए कि तीन महीने की जरूरत (करीब 138 लाख टन) को पूरा कर सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार सरकार के गेहूं खरीद शुरू करने से पहले सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडार सिर्फ 75 लाख टन रह गया था, इससे पहले गेहूं का इससे कम भंडार 2007-08 के दौरान 58 लाख टन था।
मुफ्त अनाज के लिए करना पड़ सकता है आयात
गेहूं का स्टॉक पूरा करने के लिए सरकार लगातार गेहूं की खरीद कर रही है। अब तक सरकार 264 लाख टन गेहूं खरीद चुकी है, जबकि लक्ष्य 372 लाख टन का है। इतना ही नहीं सरकार ने गेहूं खरीद का समय भी 22 जून तक बढ़ा दिया है, हालांकि मंडियों में गेहूं उतना पहुंच नहीं रहा है। अगर ऐसे ही हालात बने रहे तब सरकार को गरीबों को अनाज वितरण के लिए तत्काल गेहूं का आयात करना होगा।
बीते कुछ सालों में भारत का गेहूं निर्यात बढ़ा है, जबकि भारत ने आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से 2017-18 में 15 लाख टन गेहूं का आयात किया था,वहीं 2021-22 में देश से 80 लाख टन, 2022-23 में 55 लाख टन और 2023-24 में 5 लाख टन गेहूं एक्सपोर्ट किया गया।
महंगा हो सकता है आटा
स्टॉक में कमी की वजह से गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, ये एक साल में 8% तक बढ़ चुकी हैं. वहीं बीते कुछ दिन में भी इसकी कीमतों में तेजी आई है,आटा मिल वालों को राखी के बाद त्योहारी सीजन में होने वाली सरकारी गेहूं की नीलामी का इंतजार है, जिससे गेहूं के दाम नीचे आएंगे।
मौजूदा वक्त में गेहूं की खुले बाजार में कीमत 2600 से 2700 रुपए क्विंटल तक है। ऐसे में महंगे गेहूं से बना आटा भी महंगा होगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे आने वाले 15 दिन में आटा 31 रुपए प्रति किलो के भाव तक पहुंच सकता है, जो अभी 28 रुपए के भाव पर है।
गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट लगा दी है। अब वह 5,000 क्विंटल से अधिक मात्रा में गेहूं का भंडारण नहीं कर सकते हैं।