सहारनपुर। दहेज़ हत्या में दोषी पाएं गए पति को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी कक्ष संख्या- 16 विकास ने दस वर्ष के कारावास और पांच हज़ार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश सैनी ने बताया की गांव बहादुरपुर थाना कोतवाली देहात निवासी शिवकुमार की लड़की पूनम की शादी सांवलपुर नवादा निवासी धीरज के साथ 22 फरवरी 1999 को हुई थी।
शादी में काफी दान दहेज़ दिया गया था, किन्तु ससुराल वाले पूनम के साथ कम दहेज़ लाने की शिकायत करते हुए मारपीट किया करते थे। 22 मई 2000 को किसी अज्ञात व्यक्ति का फ़ोन आया कि ससुराल वालो ने पूनम को मार दिया हैं।शिवकुमार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूनम के पति धीरज ,ससुर रतन सिंह ,सास वीरमति ,जेठ नीरज ,जेठानी निधि ,ननद सुनीता के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया। विवेचना उपरांत पति धीरज ,ससुर रतन सिंह ,सास वीरमति ,जेठ नीरज के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया।
मामले की सुनवाई के उपरांत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी पाते हुए न्यायालय ने पति धीरज को दोषी पाते हुए अधिकतम दस वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। ससुर की इस दौरान मृत्यु हो गई थी। सास वीरमति और जेठ नीरज को दोषमुक्त किया गया हैं।