Friday, May 17, 2024

मेरा गुजरात पर, अपने गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा : मोदी

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे पास ज्यादा अनुभव नहीं था। लेकिन मेरा गुजरात पर अपने गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा था।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अहमदाबाद के साइंस सिटी में बुधवार को आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में मोदी ने कहा कि भूकंप से पहले भी गुजरात लंबे समय तक अकाल की भयंकर स्थिति से जूझ रहा था। इसके बाद जो भूकंप आया उसमें हजारों लोगों की मौत हो गयी। लाखों लोग इससे प्रभावित हुए।उन्होंने कहा कि अकाल और भूकंप के अलावा उसी समय गुजरात में एक और बड़ी घटना हुई। माधवपुरा मर्केंटाइल कोओपरेटिव बैंक कोलैप्स हो गया। इसकी वजह से 133 और कोऑपरेटिव बैंकों में यह तूफान छा गया। पूरे गुजरात के आर्थिक जीवन में हाहाकार मचा हुआ था। एक तरह से गुजरात का फाइनेंशल सेक्टर संकट में आ गया था। उस समय मैं पहली बार विधायक बना था। मेरे लिए यह भूमिका भी नई थी। शासन चलाने का कोई अनुभव नहीं था। लेकिन चुनौती बहुत बड़ी थी।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इतने में एक और गोधरा की हृदयविदारक घटना हुई। उसके बाद की परिस्थितियों में गुजरात हिंसा की आग में जल उठा था। एसे विकट हाल की शायद ही किसी ने कल्पना की होगी। मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे पास ज्यादा अनुभव नहीं था। लेकिन मेरा गुजरात पर अपने गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा था।

उन्होंने कहा कि हालांकि जो लोग एजेंडा लेकर चलते हैं वो उस समय भी घटनाओं का अपने तरीके से एनालिसिस करने में जुटे हुए थे। यह कहा गया कि गुजरात के युवा, उद्योग, व्यापारी सब बाहर चले जाएंगे और गुजरात एसा बरबाद होगा कि देश के लिए बहुत बड़ा बोझ बन जाएगा। दुनिया में गुजरात को बदनाम करने की साजिश रची गई। एक निराशा का माहोल खड़ा करने की कोशिश की गयी। कहा गया कि गुजरात कभी भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। उस संकट में भी मैंनें संकल्प लिया कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों गुजरात को इससे बाहर निकाल कर ही रहुंगा।

मोदी ने कहा, “आज मुझे स्वामी विवेकानंद की भी एक बात याद आ रही है। उन्होंने कहा था कि हर काम को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। पहले लोग उसका उपहास उड़ाते हैं, फिर उसका विरोध करते हैं फिर उसे स्वीकार कर लेते हैं। खासकर तब जब वो आइडिया उस समय से आगे का हो।”

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय